शीतकालीन सत्र में संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के विपक्षी सांसदों पर कड़ी कार्रवाई की गई है। दरअसल, संसद में सुरक्षा चूक मामले पर विरोध कर रहे दोनों सदनों के 67 विपक्षी सांसदों को शेष सत्र से सस्पेंड कर दिया है। इनमें राज्यसभा के 34 सांसद और लोकसभा के 33 सांसद शामिल हैं। इससे पहले लोकसभा के 14 सांसदों को सस्पेंड किया जा चुका है।
लोकसभा में सुरक्षा के मुद्दे पर सदन में भारी हंगामा करने वाले विपक्ष के 33 सांसदों को शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया और कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। चार बार के स्थगन के बाद तीन बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे। पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल ने हंगामा कर रहे कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्यों का नाम लिया। उसके बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सदन ने अवमानना का गंभीर संज्ञान लिया है। उन्होंने विपक्ष के 33 का नाम पुकारा और सभी सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया।
निलंबित किए गए सदस्यों में कल्याण बनर्जी, ए राजा, दयानिधि मारन, डॉक्टर के जयकुमार, अपरूपा पोद्दार, प्रसून बनर्जी, ईटी मोहम्मद बशीर, जी शेलवम, सी एन अन्नादुराई, अधीर रंजन चौधरी, डॉक्टर टी सुमती, के नवास क़ानी, के वीरास्वामी, एन के प्रेमचन्द्रन, प्रो सौग़त राय, शताब्दी राय, असीत कुमार मल, कौशलेंद्र कुमार, अंटो अंटोनी, एस एस पलानीमाणक्कम, अब्दुल खालिक, थिरुनवुकरासर, विजय वसंथ, प्रतिमा मण्डल, काकोली घोष, के मुरलीधरन, सुनील कुमार मंडल, एस रामलिंगम, के सुरेश, अमर सिंह, राजमोहन उन्नीथन, गौरव गोगोई, टी आर बालू शामिल हैं।
प्रह्लाद जोशी ने कहा कि इन सदस्यों ने बार बार आग्रह करने के बावजूद सदन में तख़्तियाँ लेकर आये। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही कांग्रेस के डॉक्टर के जयकुमार, विजय वसंथ और अब्दुल खालिक को विशेषाधिकार समिति की रिपोटर् लंबित रहने तक निलंबित कर दिया गया है। यह तीनों अध्यक्ष के आसन के समीप जा नारेबाज़ी की तख़्तियाँ लहराई। इससे पहले बुधवार को विपक्ष के चौदह सदस्यों को निलंबित किया गया था।
वहीं, राज्यसभा के भी 30 से अधिक सांसदों को निलंबित किया गया है। इनमें कांग्रेस सांसद जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल और रणदीप सिंह सुरजेवाला शामिल हैं। विपक्षी सदस्यों ने संसद की सुरक्षा में चूक के मद्दे पर राज्यसभा में सोमवार लगातार तीसरे दिन हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही चौथी बार चार बज कर 30 मिनट तक स्थगित कर दी गई। सभापति जगदीप धनखड़ ने तीन बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही शुरु करने का प्रयास किया तो विपक्ष के सदस्य अपनी अपनी सीटों के पास खड़े हो गए और जोर जोर से बोलने लगे।
धनखड ने कहा कि सदन में व्यवस्था होने पर ही किसी को बात सुनी जा सकती है। उन्होंने कई सदस्यों का नाम लेकर उन्हें अपनी सीटों पर जाने के लिए कहा लेकिन विपक्षी सदस्यों पर इसका कोई असर नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही चार बजकर 30 मिनट तक स्थगित करने की घोषणा कर दी। कृपया शेष पूर्व प्रेषित से जोड लें।
क्या है पूरा मामला
संसद पर 2001 में किए गए आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को, सुरक्षा में चूक की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया। घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया।