इंदौर। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है। प्रदोष व्रत हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। पौष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी 23 जनवरी को है। यह प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन है। इसलिए इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। इस तिथि पर देवों के देव और आदिशक्ति की पूजा की जाती है। साथ ही व्रत रखा जाता है।
भौम प्रदोष व्रत तिथि और मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, पौष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 22 जनवरी को रात 07.51 बजे शुरू होगी। अगले दिन 23 जनवरी को रात्रि 08.39 बजे समाप्त होगा।
भौम प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रदोष व्रत के दिन सूर्योदय से पहले उठकर भगवान शिव और माता पार्वती का स्मरण करके दिन की शुरुआत करें। स्नानादि से निवृत्त होकर आचमन करके स्वयं को शुद्ध कर लें। सफेद कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लें। फिर सूर्य देव को जल अर्पित करें। इसके बाद पूजा स्थान पर शिव परिवार की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
इसके बाद पूजा सामग्री अर्पित करें। माता पार्वती को लाल पुष्प चढ़ाएं। फिर शिव चालीसा का पाठ करें। प्रसाद के रूप में फल, मिठाई और पंचमेवा चढ़ाएं। आखिरी में आरती करें।
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