आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को कहा कि देश में एक साथ चुनाव कराने से संसदीय लोकतंत्र के विचार और संविधान के बुनियादी ढांचे को नुकसान होगा। आप ने कहा कि यह व्यवस्था त्रिशंकु विधायिका से निपटने में सक्षम नहीं होगी। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दल आप की टिप्पणी कांग्रेस द्वारा ‘एक देश, एक चुनाव’ के विचार का कड़ा विरोध करने के एक दिन बाद आई है।
इससे खरीद-फरोख्त बढ़ेगी
कांग्रेस ने कहा है कि यह संघवाद की गारंटी और सविधान के बुनियादी ढांचे के खिलाफ है। आप ने शनिवार को एक बयान में कहा, ‘‘ संसदीय लोकतंत्र के विचार, संविधान की मूल संरचना और देश की संघीय राजनीति को ‘एक देश, एक चुनाव’ की व्यवस्था से नुकसान पहुंचेगा। यह त्रिशंकु विधायिका से निपटने में असमर्थ है, यह दल-बदल की बुराई और विधायकों एवं सांसदों की खुली खरीद-फरोख्त को बढ़ावा देगी।”
इसमें कहा गया है कि एक साथ चुनाव कराने से होने वाली बचत केंद्र सरकार के वार्षिक बजट का मात्र 0.1 प्रतिशत है। आप ने कहा कि संविधान और लोकतंत्र के सिद्धांतों को ‘‘मामूली वित्तीय लाभ” की भेंट नहीं चढ़ाया जा सकता है।