सरकार आगामी अंतरिम बजट में अगले वित्त वर्ष के लिए कृषि कर्ज लक्ष्य को 22-25 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ाने की घोषणा कर सकती है। साथ ही यह सुनिश्चित करेगी कि प्रत्येक पात्र किसान की संस्थागत ऋण तक पहुंच हो। सूत्रों ने यह जानकारी दी। चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार का कृषि-ऋण लक्ष्य 20 लाख करोड़ रुपए है।
वर्तमान में, सरकार सभी वित्तीय संस्थानों के लिए तीन लाख रुपए तक के अल्पकालिक कृषि ऋण पर दो प्रतिशत की ब्याज छूट प्रदान करती है। इसका मतलब है कि किसानों को प्रति वर्ष सात प्रतिशत की रियायती दर पर तीन लाख रुपए तक का कृषि ऋण मिल रहा है। समय पर भुगतान करने वाले किसानों को प्रति वर्ष तीन प्रतिशत की अतिरिक्त ब्याज छूट भी प्रदान की जा रही है। किसान दीर्घकालिक ऋण भी ले सकते हैं लेकिन ब्याज दर बाजार दर के अनुसार होती है।
सूत्रों ने कहा कि वित्तवर्ष 2024-25 के लिए कृषि-ऋण लक्ष्य बढ़कर 22-25 लाख करोड़ रुपए हो सकता है। कृषि-ऋण पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है और सरकार छूटे हुए पात्र किसानों की पहचान करने और उन्हें ऋण नेटवर्क में लाने के लिए कई अभियान चला रही है। सूत्रों ने कहा कि कृषि मंत्रालय ने एक केंद्रित दृष्टिकोण के तहत ‘क्रेडिट’ पर (ऋण के लिए) एक अलग प्रभाग भी बनाया है। इसके अलावा, सूत्रों ने यह भी कहा कि पिछले 10 वर्षों में विभिन्न कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए ऋण वितरण लक्ष्य से अधिक रहा है।
सरकारी आंकड़े दर्शाते हैं कि चालू वित्तवर्ष में, दिसंबर 2023 तक 20 लाख करोड़ रुपए के कृषि-ऋण लक्ष्य का लगभग 82 प्रतिशत हासिल कर लिया गया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, उक्त अवधि में निजी और सार्वजनिक दोनों बैंकों द्वारा लगभग 16.37 लाख करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया गया है। सूत्रों ने कहा, “कृषि-ऋण वितरण इस वित्तवर्ष में भी लक्ष्य से अधिक होने की संभावना है।” वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान, कुल कृषि ऋण वितरण 21.55 लाख करोड़ रुपए था। यह इस अवधि के लिए रखे गए 18.50 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य से अधिक था। आंकड़ों के अनुसार, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के नेटवर्क के माध्यम से 7.34 करोड़ किसानों ने ऋण प्राप्त किया है। 31 मार्च 2023 तक करीब 8.85 लाख करोड़ रुपए बकाया था।