केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने सोमवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उनकी भूमिका राज्य के प्रमुख की है तथा उनके लिए एक सड़क के गुंडे की तरह आचरण करना अनुचित है। माकपा ने स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) की ओर से राज्यपाल को काले झंडे दिखाए जाने के प्रकरण के विरोध में खान के हालिया धरने को ‘लोकतंत्र के लिए झटका’ करार देते हुए उनकी आलोचना की। वाम दल ने आरिफ मोहम्मद खान पर अपने प्रतिष्ठित पद की परवाह किए बिना देश के नियमों का पालन करने के दायित्व की उपेक्षा करने का आरोप लगाया।
माकपा ने पार्टी के समाचारपत्र ‘देशाभिमानी’ में छपे एक संपादकीय लेख में कड़े शब्दों का प्रयोग करते हुए तर्क दिया कि राज्यपाल के पास स्वतंत्र निर्णय लेने का अधिकार नहीं है और संविधान उन्हें राज्य मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुसार ही कार्य करने का अधिकार देता है। माकपा ने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्य में निर्णय लेने के लिए लोगों द्वारा चुनी गई सरकार है। राज्यपाल ने दो दिन पहले नीलामेल में उनके खिलाफ प्रदर्शन करने वाले एसएफआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए सड़क किनारे धरना दिया था। माकपा ने राज्यपाल के कृत्य को ‘लोकतंत्र के लिए झटका’ बताते हुए खान से परिपक्वता दिखाने का आग्रह किया। इस संपादकीय के संबंध में राज्यपाल खान या राजभवन की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।