किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि किसानों के लिए दिल्ली जाना उनका अधिकार है, लेकिन किसानों के लिए सेना जैसा माहौल बनाना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि दिल्ली जाना है तो बस से जाओ, ट्रेन से जाओ, लेकिन किसानों का दिल्ली जाने का ये तरीका ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछली बार लाल किले पर जो देखा गया था। हजारों ट्रैक्टर ले जाना ठीक नहीं है।
हम नहीं चाहते कि किसी को चोट पहुंचे
हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस से उन्हें रोकने के लिए कहा था। किसान भी घायल हुए हैं, पुलिस भी घायल हुई है, पत्रकार भी घायल हुए हैं। दोनों हमारे भाई हैं। हम नहीं चाहते कि किसी को चोट पहुंचे। किसानों के व्यवहार से पता चलता है कि उन्हें कुछ समर्थन हासिल है। उन्होंने कहा कि आज शाम 5 बजे केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसानों की बैठक है। उम्मीद है कि इस बैठक में कोई समाधान निकलेगा। उन्होंने कहा कि आपसी संवाद ही अपनी बात कहने का एकमात्र मंच है। इसलिए बातचीत से मामला सुलझाया जाना चाहिए। खट्टर ने पंजाब सरकार की भी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के पास कोई अनुभव नहीं है।
पंजाब के किसान पहले राज्य सरकार से बात करे
सीएम खट्टर ने कहा कि हमने किसानों के लिए काम किया है। हमारी सरकार फसल का अच्छा दाम दे रही है। हमारी सरकार ने फसल का दाम बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों को पंजाब सरकार से बात करनी चाहिए। किसानों को पहले राज्य सरकार से अपनी मांगें मनवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा का किसान पंजाब के किसानों से कहता है कि पहले हमें एसवाईएल का पानी दो, फिर हम तुम्हारा समर्थन करेंगे।
आज आंदोलन का तीसरा दिन
बता दें कि, किसानों के ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन का बृहस्पतिवार को तीसरा दिन है और दिल्ली व हरियाणा के बीच दो प्रमुख सीमाओं पर वाहनों की आवाजाही बंद है, जबकि राष्ट्रीय राजधानी में महत्वपूर्ण स्थानों पर दंगा रोधी सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। हरियाणा से लगी दो सीमाएं – टिकरी और सिंघू – बंद हैं जबकि उत्तर प्रदेश से लगी गाजीपुर सीमा पर सुरक्षा कर्मियों की निगरानी में आवाजाही की अनुमति दी गई है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है। हरियाणा पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को अंबाला के पास पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर रोक दिया है।