भोपाल: कमलनाथ और नकुलनाथ के भाजपा में शामिल होने की खबरों ने सियासी गलियारों में दो दिन से बवाल काट रखा है। फिलहाल कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ के साथ दिल्ली में है और कहा जा रहा है कि आज देर रात पीएम मोदी सहित अन्य भाजपा नेताओं से मुलाकात हो सकती है। माना जा रहा है कि पीएम मोद, अमित शाह से मुलाकात के बाद कमलनाथ कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर सकते हैं। इतना ही नहीं कमलनाथ के साथ 10 विधायक, दो महापौर और एक जिला पंचायत अध्यक्ष भी पाला बदल सकते हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि कमलनाथ के पाला बदलने से भाजपा को क्या फायदा होगा?
वैसे तो कमलनाथ को छिदवाड़ा का क्षत्रप कहा जाता है, लेकिन उनका वर्चस्व पूरे मध्यप्रदेश में देखने को मिलता है। सिंधिया के बाद कमलनाथ दूसरे ऐसे नेता होंगे जो मध्यप्रदेश कांग्रेस की जड़ से हिला देंगे। अगर कमलनाथ कांग्रेस छोड़ते हैं तो पार्टी को राजनीतिक के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ेगा, क्योंकि कमलनाथ दोनों ही क्षेत्रों में पार्टी के लिए अहम भूमिका निभाते हैं। तो चलिए जानते हैं कि कमलनाथ के पार्टी में आने से भाजपा को क्या फायदा होगा।
आगामी दिनों में देशभर में लोकसभा चुनाव होना है और ऐसे मौके पर कमलनाथ जैसे क्षत्रप भाजपा में आते हैं तो कांग्रेस के लिए ये बड़ा झटका होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि कमलनाथ का दबदबा न सिर्फ छिंदवाड़ा में बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में है। कमलनाथ के आने से भाजपा का 400 पार का लक्ष्य और आसान हो जाएगा। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से 80 प्रतिशत सीट भाजपा की झोली में आ जाएगा।
देखा जाए तो कांग्रेस पार्टी पिछले लगभग एक दशक से देश की सत्ता से बाहर है और राज्यों में भी अब सिर्फ दो राज्यों तक सीमट कर रह गई है। तेजी से घटते सियासी ग्राफ के चलते कांग्रेस पार्टी का आर्थिक स्थिति भी दिन ब दिन खराब होती जा रही है। ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा चुनावी फंड जुटाने वाले नेता के पार्टी छोड़कर जाने से कांग्रेस पार्टी को बड़ा नुकसान हो सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, एमपी भाजपा के एक नेता ने बताया कि राज्य में कांग्रेस में हमेशा तीन या चार लॉबी रही हैं। अब दिवंगत अर्जुन सिंह की विरासत लगभग कमजोर हो गई है, हिंदुत्व को लेकर बयानबाजी के चलते दिग्विजय सिंह भी हिंदुओं के बीच मजबूत छाप छोड़ने में असफल हैं। जबकि, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पहले ही भाजपा में आकर 2020 में कांग्रेस की सरकार गिरा चुके हैं। अब अगर कमलनाथ भी कांग्रेस से विदा लेते हैं, तो कांग्रेस के पास राज्य में कोई बड़ा क्षेत्रीय नेता नहीं रह जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कांग्रेस पार्टी इन दिनों नेतृत्वविहीन जैसी दिखाई दे रही है। राहुल गांधी के भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बाद भी उनके नेता लगातार पार्टी छोड़ रहे हैं। हालत ऐसी है कि कांग्रेस पार्टी अपने मुख्यमंत्री रह चुके नेताओं को भी नहीं संभाल पा रही है। अगर ऐसे में कमलनाथ कांग्रेस को अलविदा कहते हैं तो भाजपा को इससे बड़ा फायदा कुछ नहीं हो सकता है।
बताया जा रहा है कि कमलनाथ न सिर्फ अपने सांसद बेटे नकुलनाथ को लेकर भाजपा में शामिल होंगे, बल्कि पूरा कुनबा लेकर कांग्रेस छोड़ेंगे। रिपोर्ट्स की मानें तो कमलनाथ के साथ 10 विधायक, कई पूर्व विधायक, दो महापौर और एक जिला पंचायत सदस्य उनके साथ भाजपा आने वाले हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को अपने लिए नए कार्यकर्ता तैयार करने पड़ेंगे।
खबरों की मानें तो भाजपा लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा से पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को मैदान में उतारने की तैयार कर रही थी। लेकिन अगर कमलनाथ पार्टी में आते हैं तो ये तय है कि कमलनाथ या नकुलनाथ चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। ऐसे में ये तय है कि इस बार भाजपा की झोली में छिंदवाड़ा सीट आनी ही आनी है।