कांग्रेस के अजय माकन 47 वोट से, नसीर हुसैन 47 वोट से और जी.सी. चन्द्रशेखर 45 वोट से जीत हासिल की, जबकि बीजेपी के नारायणसा भांडा 47 वोट हासिल कर जीत हासिल करने में कामयाब रहे.
जबकि पांचवें उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने वाले कुपेंद्र रेड्डी को 36 वोट मिले. गठबंधन उम्मीदवार कुपेंद्र रेड्डी को जद (एस) से 19 वोट मिले, जबकि सहयोगी भाजपा को केवल 16 वोट मिले. इससे कुपेंद्र रेड्डी की हार हुई है.
बीजेपी और जीडीएस गठबंधन का उम्मीदवार हारा
कई समीकरणों के साथ जेडीएस और बीजेपी ने पांचवां उम्मीदवार मैदान में उतारा था. इससे स्वाभाविक रूप से सत्तारूढ़ कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का डर सताने लगा था. इससे घबराए सिद्धारमैया डीके शिवकुमार रणनीति बनाकर अपने विधायकों के साथ-साथ बीजेपी और गैर-पार्टी विधायकों का वोट भी अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहे हैं.
केआरपीपी विधायक गली जनार्दन रेड्डी, दर्शन पुट्टन्नैया, पुट्टा सिद्देगौड़ा, लता मल्लिकार्जुन ने कांग्रेस का समर्थन किया है और कांग्रेस उम्मीदवारों को वोट दिया है. कांग्रेस के किसी भी विधायक ने क्रॉस वोटिंग नहीं की थी. साथ ही बीजेपी के एक और विधायक शिवराम हेब्बार को भी वोटिंग से रोकने में कामयाबी मिली है. सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार की रणनीति सफल रही है.
बीजेपी-जीडीएस गठबंधन की दूसरी हार
यह बीजेपी-जेडीएस गठबंधन की दूसरी हार है. बेंगलुरु शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में भी गठबंधन के उम्मीदवार रंगनाथ कांग्रेस के पुट्टन्ना से हार गए थे.
राज्यसभा चुनाव में कुल 223 वोटों में से 222 विधायकों ने वोट डाले गये. यल्लापुर के भाजपा विधायक शिवराम हेब्बार मतदान से अनुपस्थित रहे. इस पृष्ठभूमि में 99.5% मतदान हुआ.
कांग्रेस के 135 विधायकों, तीन गैर-पार्टी विधायकों, 65 भाजपा विधायकों और 19 जद (एस) विधायकों ने भी मतदान किया. इनमें से सोमशेखर ने कांग्रेस के पहले उम्मीदवार अजय माकन को वोट दिया है. एक अन्य भाजपा नेता शिवराम हेब्बार मतदान से अनुपस्थित रहे.