उम्र बढ़ने के साथ ही अक्सर बुजुर्गों में मांसपेशियों और जोड़ों में जकड़न की समस्या बढ़ने लगती है. कई बार देखा जाता है कि बुजुर्गों को दर्द के कारण उठना-बैठना भी मुश्किल हो जाता है. बढ़ती उम्र में गठिया की समस्या होना भी आम होता है और इस मामले में जोड़ों का दर्द और भी ज्यादा ट्रिगर करने लगता है. ऐसे में अगर रोजाना कुछ मिनट के योगासन किए जाएं तो बढ़ती उम्र में भी जोड़ो और मांसपेशियों के दर्द से दूर रहा जा सकता है.
रूटीन में खानपान से जुड़ी अच्छी आदतें और योग को अपना लिया जाएं तो एक उम्र के बाद भी हेल्दी और पेन फ्री लाइफ जी जा सकती है. तो चलिए जानते हैं कुछ योगासन के बारे में जो बुजुर्ग या ऐसे लोग जो योग शुरू करना चाहते हैं आराम से ये आसन कर सकते हैं.
ताड़ासन दिलाएगा मांसपेशियों के दर्द से राहत
बच्चों से बुजुर्गों तक के लिए ये आसन करना काफी आसान और फायदेमंद है. इसके लिए जमीन पर इस तरह से खड़े हों कि पीठ एकदम सीधी रहे और इसके बाद अपने हाथों को ऊपर की ओर उठाते हुए हल्का स्ट्रेच करें. इसी अवस्था में 8 से 9 गहरी सांसे लें. कुछ सेकंड के लिए होल्ड करें और फिर पुरानी अवस्था में आ जाएं. ये आसन दो से तीन बार दोहरा सकते हैं.
बालासन से मिलेगा रिलैक्स
बढ़ती उम्र में बालासन का रोजाना अभ्यास करना काफी फायदा पहुंचाता है. ये पाचन को दुरुस्त रखने के साथ ही दिमाग को शांत करता है और महिलाओं में मेनोपॉज के दौरान होने वाली समस्याओं में भी फायदेमंद है. ये आसन घुटनों, टखनों, पीठ की मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग करता है.
इस आसन को करने के लिए दोनों पैरों को घुटने से मोड़कर एड़ी के ऊपर शरीर का भार रखकर बैठें. इस दौरान दोनों एड़ियां नजदीक रखें. अब आराम से आगे की ओर झुकते हुए सिर जमीन में लगाएं और हाथों को आगे रखें. इस स्थिति में रिलैक्स करते हुए आसन को 20 से 30 सेकंड होल्ड करके रखें. इस आसन के 3 से 4 राउंड किए जा सकते हैं.
पवनमुक्तासन पीठ और कमर को रखेगा दुरुस्त
बढ़ती उम्र में पीठ और कमर दर्द की समस्या काफी आम होती है. वहीं लोगों को कब्ज, गैस जैसी दिक्कतें भी होने लगती हैं. इन समस्याओं से राहत पाने के लिए पवनमुक्तासन काफी अच्छा योगासन है.
सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल लेटें और गहरी सांस खींचे. अब सांस को धीमे-धीमे छोड़ें और दोनों पैरों के घुटनों को मोड़ते हुए पेट की तरफ लाएं और हाथों से होल्ड करके रखें. कुछ सेकंड होल्ड करके वापस पुरानी अवस्था में आएं.
रोजाना कुछ मिनट जरूर करें प्राणायाम
बढ़ते पॉल्युशन की वजह से कम उम्र में भी सांस संबंधित समस्याएं होने लगी हैं. इसलिए रोजाना अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका जैसे प्राणायाम जरूर करने चाहिए. ये आपके फेफड़ों को स्वस्थ रखकर क्षमता को बढ़ाते हैं.
खाने के बाद करें वज्रासन
खराब पाचन भी बढ़ती उम्र में एक आम समस्या होती है. इसके लिए रोजाना खाने के बाद कुछ देर टहलना जरूरी माना जाता है. अगर बाहर नहीं जा सकते तो घर में ही कुछ मिनट वज्रासन में बैठना चाहिए. ये योगासन डेली रूटीन में सुबह को भी कर सकते हैं और खाने के बाद भी किया जा सकता है.