झाबुआ। चुनाव आयोग कभी भी लोकसभा चुनाव की घोषणा कर सकता है। रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट पर चाहे जब चुनाव हो लेकिन 18 मार्च को भगोरिया के साथ ही दोनों प्रमुख दलों का चुनाव प्रचार आरंभ होना तय है। वजह साफ है कि सात दिन तक चप्पे-चप्पे पर भगोरिया मेले लगेंगे जिनमें शत-प्रतिशत ग्रामीणों की सहभागिता रहेगी। इस अवसर का राजनेता भरपूर लाभ लेते हुए मेलों में पहुंचेंगे।
भाजपा ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। अब कांग्रेस की बारी है। आमतौर पर ग्रामीणों की भीड़ एकत्रित करने के लिए पार्टियों को काफी पैसा व ऊर्जा खर्च करना पड़ती है। इसके बावजूद भीड़ की दृष्टि से आयोजन सफल नही हो पाता। भगोरिया मेले में ग्रामीण अपने मन से उपस्थित होते हैं। राजनीतिक लोगों को सिर्फ उनके बीच पहुंचना होता है।
हर बार तारणहार
आमतौर पर लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में हो रहे हैं। इसके पूर्व मार्च में भगोरिया हाट व होली का आगमन हो जाता है। लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान भगोरिया मेलों में हर बार आरंभ हो जाता है। खुद प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ उनमें पहुंचने लगते हैं। प्रत्याशियों के लिए हर बार की तरह भगोरिया मेले इस बार भी तारणहार बनेंगे।
ऐसे बिखरेगी सियासत
कांग्रेस-भाजपा के उम्मीदवार अपने समर्थकों के साथ हर भगोरिया मेले में पहुंचेंगे। तड़वी, सरपंच व प्रमुख स्थानीय नेताओं को साफे बंधवाए जाएंगे। फिर ढोल समूह के साथ मेलों में गैर निकाली जाएगी। अधिक से अधिक ढोल गैर में शामिल करते हुए शक्ति प्रदर्शन किया जाता है। प्रत्याशी या संभावित प्रत्याशी हर बड़े मेले में जाकर ग्रामीणों से रूबरू होते हैं। वे एक दिन में दो या तीन मेलों में पहुंचते हैं।
अनुभव व नया चेहरा
इस बार लोकसभा चुनाव मुख्य रूप से अनुभव व नए चेहरे के बीच होने की संभावना जताई जा रही है। आलीराजपुर जिला पंचायत अध्यक्ष अनीता चौहान पहली बार चुनाव लडेगी। उन्हें उम्मीदवार बनाते हुए भाजपा ने सभी को चौंका दिया है। अब कांग्रेस के उम्मीदवार की घोषणा होना है। वैसे कांग्रेस में यह तय माना जा रहा है कि पुराने चेहरे पर ही वह दांव खेलेगी।