रमजान का पवित्र महीना खाड़ी देशों के ज्यादातर हिस्सों में सोमवार से शुरू हो गया है. जंग के भयानक दौर से गुजर रहे गाजा में इस बार रमजान इजराइल की बम-बारी और भुखमरी के साथ आया है. जहां पूरी दुनिया के मुस्लिम देश रमजान की रोशनी में जगमगा रहे हैं, वहीं गाजा में इस साल अंधेरा छाया है. गाजा की लगभग सभी मस्जिदें इजराइल की बम-बारी के बाद मलबे का ढेर बन गई हैं, इफ्तार करने के लिए गाजा के लोगों के पास ठीक से खाना भी नहीं है.
रमजान का पवित्र महीना खाड़ी देशों के ज्यादातर हिस्सों में सोमवार से शुरू हो गया है. जंग के भयानक दौर से गुजर रहे गाजा में इस बार रमजान इजराइल की बम-बारी और भुखमरी के साथ आया है. जहां पूरी दुनिया के मुस्लिम देश रमजान की रोशनी में जगमगा रहे हैं, वहीं गाजा में इस साल अंधेरा छाया है. गाजा की लगभग सभी मस्जिदें इजराइल की बम-बारी के बाद मलबे का ढेर बन गई हैं, इफ्तार करने के लिए गाजा के लोगों के पास ठीक से खाना भी नहीं है.
मलबें के ढेर को भी सजा रहे गाजावासी
रमजान में अक्सर मुसलमान अपने घरों को सजाते हैं. लेकिन गाजा में लोगों के पास घर नहीं बचे हैं, गाजा के लोग टेंटों में अपने रमजान गुजारने को मजबूर हैं. फिलिस्तीनियों ने अपने टेंटों को लेम्प और लाइट्स से रोशन किया है, सोशल मीडिया पर आई गाजावासियों की तस्वीरों में बच्चों को रमजान का जश्न मनाते देखा जा सकता है.
गाजा में युद्ध प्रभावित लोगों के सामने खाने-पीने का भी संकट है. आसमान से पैराशूट के जरिए खाने के सामान लोगों तक पहुंचाए जा रहे हैं. कई ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं कि जिनमें लोग पैराशूट से आने वाली मदद के पीछे भागते दिखाई पड़ते हैं. हाल ही में कुछ लोग खाना हासिल करने के चक्कर में घायल भी हुए और कुछ लोगों की मौत की भी खबरें आईं.
युद्धविराम की कोशिशें नाकाम
UN और मध्यस्ता कराने में लगे हुए देशों की कोशिश थी कि रमजान के महीने से पहले हमास और इजराइल के बीच सीजफायर हो जाए. लेकिन हमास इस डील से ये कहते हुए पीछे हट गया कि पूर्ण युद्धविराम के अलावा हम को अस्थाई संघर्ष विराम नहीं करेंगे. गाजा में जंग के शुरू होने से लेकर अब तक कम से कम 31,045 फिलिस्तीनी मारे गए हैं और 72,654 घायल हुए हैं. हमास के 7 अक्टूबर के हमलों में करीब 1200 इजराइली नागरिकों की मौत हुई थी और 200 के करीब लोगों को बंदी बनाया गया था.