Breaking
स्कूल और घरों में भी सेफ नहीं बच्चे, केरल में थम नहीं रहा मासूमों का यौन शोषण बिहार में बेहाल मास्टर जी! कम पड़ रहा वेतन, स्कूल के बाद कर रहे डिलीवरी बॉय का काम बिहार: अररिया-हाजीपुर और किशनगंज में सांस लेना मुश्किल, 11 जिले रेड जोन में; भागलपुर और बेगूसराय में... मेरठ में महिला से छेड़छाड़ पर बवाल, 2 पक्षों के लोग आमने-सामने; भारी पुलिस बल तैनात अर्पिता मुखर्जी को मिली जमानत, बंगाल में शिक्षक भर्ती स्कैम में ED ने जब्त किया था करोड़ों कैश महाराष्ट्र का अगला CM कौन? दो दिनों के बाद भी सस्पेंस बरकरार फिर विवादों में IPS रश्मि शुक्ला, देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, EC से की एक्श... महाराष्ट्र में हार के बाद INDIA ब्लॉक में रार, ममता को गठबंधन का नेता बनाने की मांग आश्रम में ‘डाका’… दर्शन के बहाने जाती और करती रेकी, युवती ने दोस्तों संग मिल 22 लाख का माल किया पार रबिया सैफी हत्याकांड की जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, दिल्ली और हरियाणा सरकार से मांगा जवाब

रमजान का पहला रोजा कल, जानें क्या है सहरी और इफ्तार का सही समय

Whats App

Ramadan 2024: इस्लाम धर्म का सबसे महत्वपूर्ण रमजान का महीना होता है. कल 12 मार्च से रमजान का महीना शुरू हो जाएगा और इसी दिन रमजान का पहला रोजा रखा जाएगा. इस्लाम धर्म में रोजा रखने का मतलब है, खुद को खुदा के लिए समर्पित करना. ये रोजा पूरे एक महीने तक सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त रखा जाता है. इसके साथ ही रमजान के महीने में सहरी और इफ्तार की परंपरा भी निभाई जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सहरी और इफ्तार की परंपरा कैसे निभाई जाती है. जानने के लिए पढ़ें ये लेख…

इस्लामिक परंपराओं के अनुसार, रमजान के महीने में रोजा रखने वाले अगर सुबह सूर्योदय से पहले कुछ खा लेते हैं तो उसे सहरी कहते हैं और पूरे दिन इबादत कर शाम को सूर्यास्त के बाद खुदा से दुआ करने के बाद उपवास तोड़ा जाता है, जिसे इफ्तार कहा जाता है. रोजे के दौरान कुछ भी खाने या पीने की अनुमति नहीं होती है. आइए जानते हैं कि किस शहर में कितने बजे सहरी और इफ्तार की परंपरा निभाई जाएगी.

ये है सहरी और इफ्तार का समय

Whats App

Ramdaan

जानें क्यों खास है रमजान का महीना

इस्लाम धर्म में रमजान का महीना सबसे पाक और महत्वपूर्ण माना गया है. मुस्लिम समाज के लोग इस पूरे महीने रोजा यानी उपवास रखते हैं और अपना ज्यादा से ज्यादा समय अल्लाह की इबादत में बिताते हैं और अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हुए इस महीने के आखिर में ईद-उल-फितर मनाते हैं. जिसे मीठी ईद भी कहा जाता है. इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, रमजान का महीना इतना पाक इसलिए माना गया है क्योंकि इस महीने में पैगंबर मोहम्मद साहब को साल 610 में लैलतुल-कद्र के मौके पर इस्लाम धर्म की पवित्र किताब कुरआन शरीफ मिली थी. बताया जाता है कि रमजान के महीने में तरावीह की नमाज अदा की जाती है. इस नमाज की खास बात ये है कि रमजान की पूरी अवधि में इमाम साहब तरावीह की नमाज में पूरा कुरआन सुनाते हैं.

स्कूल और घरों में भी सेफ नहीं बच्चे, केरल में थम नहीं रहा मासूमों का यौन शोषण     |     बिहार में बेहाल मास्टर जी! कम पड़ रहा वेतन, स्कूल के बाद कर रहे डिलीवरी बॉय का काम     |     बिहार: अररिया-हाजीपुर और किशनगंज में सांस लेना मुश्किल, 11 जिले रेड जोन में; भागलपुर और बेगूसराय में बढ़ी ठंड     |     मेरठ में महिला से छेड़छाड़ पर बवाल, 2 पक्षों के लोग आमने-सामने; भारी पुलिस बल तैनात     |     अर्पिता मुखर्जी को मिली जमानत, बंगाल में शिक्षक भर्ती स्कैम में ED ने जब्त किया था करोड़ों कैश     |     महाराष्ट्र का अगला CM कौन? दो दिनों के बाद भी सस्पेंस बरकरार     |     फिर विवादों में IPS रश्मि शुक्ला, देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, EC से की एक्शन की मांग     |     महाराष्ट्र में हार के बाद INDIA ब्लॉक में रार, ममता को गठबंधन का नेता बनाने की मांग     |     आश्रम में ‘डाका’… दर्शन के बहाने जाती और करती रेकी, युवती ने दोस्तों संग मिल 22 लाख का माल किया पार     |     रबिया सैफी हत्याकांड की जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, दिल्ली और हरियाणा सरकार से मांगा जवाब     |