क्रिप्टकरेंसी में निवेश करने वालों के ‘अच्छे दिन’ लौट आए हैं. अगर बीते सालभर के डेटा को देखें, तो कई क्रिप्टोकरेंसी ने बेहतर रिटर्न दिया है, बल्कि देखा जाए तो कई लोगों के लिए ये ‘मल्टीबैगर रिटर्न’ वाली एसेट भी बनकर उभरी हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश इनकम टैक्स के दायरे में आता है, ऐसे में क्या इस टैक्स को बचाने का भी कोई तरीका है? चलिए हम समझाते हैं आपको…
भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कैपिटल गेन टैक्सेशन की श्रेणी में आता है. भारत सरकार इसे मुद्रा के तौर पर मान्यता नहीं देती है, इसका मतलब ये हुआ कि आप क्रिप्टोकरेंसी से किसी सामान या सर्विस की खरीद बिक्री नहीं कर सकते, भारत में आप इससे किसी तरह का पेमेंट नहीं कर सकते. हालांकि भारत सरकार ने इसे एक डिजिटल एसेट क्लास के तौर पर मान्यता दी है, जैसे आप डीमैट फॉर्म में किसी शेयर में निवेश करते हैं या एनएफटी खरीदते हैं, वैसे ही आप क्रिप्टोकरेंसी में निवेश या ट्रेडिंग कर सकते हैं. ऐसे में इस पर टैक्स बचाने के कुछ आसान टिप्स यहां आपको बताए जा रहे हैं…
क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स बचाने के टिप्स
अगर आप क्रिप्टोकरेंसी इंवेस्टमेंट पर अपना टैक्स बचाना चाहते हैं, तो आपको इन कुछ खास बातों का ध्यान रखना है…
- सबसे पहले तो आपको अपने सारे क्रिप्टोकरेंसी इंवेस्टमेंट ट्रांजेक्शन का एक्युरेट रिकॉर्ड रखना है. मतलब कि कब और किस डेट में आपने कितनी क्रिप्टोकरेंसी खरीदी और कब उसे बेचा. इससे आपको एक निश्चित टाइम फ्रेम में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े लेनदेन और उस पर टैक्स कैलकुलेशन करने में आसानी होगी.
- क्रिप्टोकरेंसी पर कैपिटल गेन टैक्स तो लगता है, लेकिन अगर आप इसे एक साल से ज्यादा समय के लिए होल्ड करके रखते हैं तो ये शॉर्ट टर्म की बजाय लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स के दायरे में आ जाता है, जो आपको शॉर्ट टर्म गेन से सस्ता पड़ता है.
- क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स बचाने का एक तरीका ये भी है कि आप उसे दान कर दें. इस तरह आपको दान पर जो टैक्स छूट मिलती है, वो मिल जाएगी.
- क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स कैलकुलेशन के लिए आपको ‘क्रिप्टो-स्पेसिफिक’ टैक्स सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना चाहिए. ऑनलाइन आपको इसके कई टूल मिल जाएंगे. इससे आपको टैक्स कैलकुलेशन करने में आसानी होती है.
- कई बार कुछ इंवेस्टर्स अपने सभी क्रिप्टाकरेंसी ट्रांजेक्शन को अपने आईटीआर में शो नहीं करते. लेकिन ऐसा करने से बचना चाहिए. आपने कितने भी छोटे अमाउंट का क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजेक्शन किया हो, उसे अपने आईटीआर में दिखाना चाहिए, वरना आपको भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है.
कैसे कैलकुलेट होता है क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स?
भारत में आयकर कानून की धारा-115BBH के तहत क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल एसेट क्लास माना गया है. क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड करने पर आपको 30 प्रतिशत की दर से टैक्स देना होता है. वहीं इसमें 4 प्रतिशत का सेस भी लगता है.
इतना ही नहीं अगर आप एक बार में 50,000 रुपए से अधिक की क्रिप्टोकरेंसी खरीदते हैं, तो आपको 1 प्रतिशत टीडीएस भी देना होता है. भारत में क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग, सेलिंग, प्रॉफिट बुकिंग और स्वैपिंग सभी पर टक्स लायबिलिटी है.