CAA का असम के मूल निवासियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, 14 में से 12 सीटें जीतेगा NDA: केंद्रीय मंत्री सोनोवाल
केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने बुधवार को कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) का असम के मूल निवासियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) राज्य की 14 में से 12 सीट पर जीत दर्ज करेगा। केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी, जलमार्ग और आयुष मंत्री ने एक साक्षात्कार में दावा किया कि समाज के सभी वर्ग राजग सरकार से खुश हैं, भले ही उनकी जाति, नस्ल और धर्म कुछ भी हो, क्योंकि सरकार ने पिछले 10 वर्षों में उनके हितों की रक्षा की है।
उन्होंने कहा, “सीएए एक राष्ट्रीय कानून है। विपक्ष बेबुनियाद भड़काऊ बयानों से चाहे जो भी स्थिति पैदा कर रहा हो, इससे असम के सामान्य और बहुत पढ़े लिखे नागरिकों पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।” डिब्रूगढ़ सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार सोनोवाल ने कहा कि आम लोग जानते हैं कि कानून उनके हित को प्रभावित नहीं करने वाला है और नियमों के प्रकाशन के बाद वे अधिनियम की वास्तविकता से अवगत हो गए हैं।
‘सभी असमवासी अब अच्छी तरह से सुरक्षित हैं’
उन्होंने कहा, “हम कह रहे हैं कि लोगों को भड़काने के लिए ऐसे बयान देने की कोशिश न करें। पहले कई मौकों पर कुछ नेताओं ने बयान दिया था कि लाखों विदेशी आएंगे और असम के लोगों की पहचान को नष्ट कर देंगे। नहीं, ऐसा कभी नहीं हुआ और भविष्य में भी कभी नहीं होगा।” असम के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि नागरिकता पर केंद्रीय कानून से यहां के मूल निवासियों के हित पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। उन्होंने कहा, “सभी असमवासी अब अच्छी तरह से संरक्षित और सुरक्षित हैं, क्योंकि पिछले 10 वर्षों में भाजपा सरकार ने उन मूल जातीय लोगों को पट्टा (भूमि अधिकार), भूमि दस्तावेज दिए हैं, जिनके पास पहले कोई भूमि नहीं थी।”
जानें किन प्रवासियों को मिलेगी नागरिकता?
केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 को लागू कर दिया था जिससे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के ऐसे गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है जिनके पास दस्तावेज़ नहीं हैं और जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ गए थे। प्रभावशाली ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू) के पूर्व अध्यक्ष सोनोवाल ने कहा कि रद्द कर दिया गया अवैध प्रवासी (ट्रिब्यूनल द्वारा निर्धारण) अधिनियम 1983 (आईएमडीटी) कांग्रेस सरकार की ओर से ‘थोपा गया” अधिक खतरनाक और भेदभावपूर्ण कानून था और राज्य में रह रहे अवैध प्रवासियों के पक्ष में भी था।
उन्होंने कहा, “ अगर उच्चतम न्यायालय इसे रद्द नहीं करता तो कभी कोई संदिग्ध विदेशी नहीं पकड़ा जाता। कोई भी संस्था या कानून प्रवर्तन एजेंसी उनसे कभी पूछताछ नहीं कर सकती थी।” इस सवाल पर कि असम में सीएए के तहत कितने लोगों को नागरिकता दिए जाने का अनुमान है, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक पोर्टल शुरू किया गया है और जब लोग आवेदन करना शुरू करेंगे तब सटीक आंकड़ा पता चलेगा।
12 से ज्यादा सीट जीतेगी बीजेपी
लोकसभा चुनाव पर सोनोवाल ने कहा, “हम राजग के लिए 12 से ज्यादा सीट की उम्मीद कर रहे हैं। अभी तक जो स्थिति सामने आई है और लोग आपस में जो भी चर्चा कर रहे हैं, उससे यह आंकड़ा काफी हद तक संभव लगता है।” भाजपा ने असम की 14 में से 11 सीट पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं जबकि उसकी सहयोगी असम गण परिषद (एजीपी) ने दो सीट पर और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) ने एक सीट पर उम्मीदवार उतारा है। वर्तमान में लोकसभा में राज्य से भाजपा के नौ सांसद हैं, जबकि उसके सहयोगी एजीपी और यूपीपीएल का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।
कांग्रेस के पास तीन और एआईयूडीएफ के पास एक सीट है जबकि एक अन्य सीट पर निर्दलीय का कब्जा है। सोनोवाल फिलहाल राज्यसभा के सदस्य हैं। वह 2001 से 2004 तक एजीपी से विधायक थे। वह 2004 में डिब्रूगढ़ से एजीपी के टिकट पर लोकसभा पहुंचे थे। भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने 2014 में लखीमपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी। सोनोवाल ने 2016 में भाजपा के असम में पहली बार सत्ता में आने पर सरकार की अगुवाई की थी। पार्टी को उनके नेतृत्व में ही 2021 के विधानसभा चुनाव में निर्णायक जीत मिली थी।