पूरी दुनिया के मुसलमानों को एक करने के लिए सऊदी अरब के शहर मक्का में एक बड़ी पहल हुई है. मक्का में मुस्लिम वर्ल्ड लीग ने एक बड़े सम्मेलन का आयोजन किया है. इस सम्मेलन में दुनिया के कई मुस्लिम देशों के धर्मगुरुओं ने हिस्सा लिया, इस बैठक का मकसद इस्लामिक विचारधारा के अलग-अलग स्कूलों (Schools of Thoughts) और संप्रदायों के बीच आपसी मतभेद मिटा कर सभी मुसलमानों को एक करना है. यानी शिया, सुन्नी, देवबंदी, बरेलवी..जैसे अलग-अलग स्कूल ऑफ थॉट वाले दुनियाभर के मुसलमानों को अपने-अपने डिफरेंस दूर कर एक करना इस कॉन्फ्रेंस का मकसद है.
इस सम्मेलन का आयोजन किंग सलमान द्वारा किया गया. मुस्लिम वर्ल्ड को एक करने की ये पहल साल 2019 में ‘मक्का डिक्लेरेशन चार्टर’ के नाम से हुई थी. इस चार्टर का मकसद मुसलमानों से अपने मतभेदों को अलग रखकर साझा लक्ष्यों को हासिल करना है. बता दें ये चार्टर मुसलमानों के अंदर विविधताओं को स्वीकार करता है, लेकिन इस्लाम के मूल सिद्धांतों और कानूनों पर चलने की जरूरत पर जोर देता है.
दुनिया भर से शामिल हुए मुफ्ती
इस बैठक में दुनिया भर से मुफ्तियों ने हिस्सा लिया सभी ने आपसी मतभेद अलग रखते हुए मुस्लिम समुदाय को एक करने की बात कही. सम्मेलन में इस बात पर भी जोर दिया गया कि इस चार्टर के जरिए इस्लामि स्कूल और सेक्ट्स में विविधता को समझा जाए और इसको आपसी मतभेत के टूल के तौर पर इस्तेमाल न होने दिया जाए. इसके अलावा इस्लामि एकता को बढ़ावा देने में शिक्षा और मीडिया के महत्व पर भी जोर दिया गया.
क्यों हुआ सम्मेलन?
सम्मेलन में जारी किए गए चार्टर में इस्लामिक समुदाय से ऐतिहासिक घटनाओं से सीखते हुए नई पीढ़ी को फालतू बहसों से बचने की हिदायत दी गई है. इसके अलावा चार्टर में इस्लामिक संप्रदायों के बीच आपसी संवाद बनाने और लड़ाई पैदा करने वाली बातों और नारों से आगाह रहने कहा गया है. इसमें इस बात पर भी जोर दिया गया है कि एकीकरण हासिल करने और मुस्लिम देशों की ताकत बढ़ाने के लिए विविध इस्लामी समुदायों के बीच सहयोग जरूरी है.