पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी का टिकट कट जाने के बाद मां मेनका गांधी ने कहा कि मुझे क्या कहना है इस पर पार्टी जो भी करती है वो करती है. वरुण अच्छे सांसद रहे है, भविष्य में वरुण जो भी बनेंगे जिंदगी में और बहुत कुछ बनेंगे, जो भी बनेंगे देश के लिए अच्छा ही करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि क्या मालूम क्या भविष्य होगा, लेकिन जो भी होगा उज्ज्वल ही होगा.
वरुण गांधी 2009 और 2019 में पीलीभीत के सांसद रह चुके हैं, लेकिन इस बार बीजेपी ने वरुण का टिकट काटकर कांग्रेस से आए जितिन प्रसाद को टिकट सौंप दिया है. जून 2021 में कांग्रेस छोड़कर जितिन प्रसाद बीजेपी में शामिल हुए थे. वरुण गांधी सामजिक मुद्दो को लेकर लगातार आपनी ही सरकार पर हमलावार हुआ करते थे. हालांकि टिकट कट जाने के बाद वरुण गांधी ने पीलीभीत की जनता को पत्र लिखकर अपनी संवेदनाएं जाहिर की.
वरुण गांधी ने टिकट कटने पर लिखा पत्र
पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी का टिकट कट जाने के बाद उन्होंने पीलीभीत की जनता को पत्र लिखकर अपनी संवेदनाएं जाहिर की. उन्होंने लिखा कि पीलीभीत वासियों को मेरा प्रणाम! आज जब मैं यह पत्र लिख रहा हूं, तो अनगिनत यादों ने मुझे भावुक कर दिया हैं. मुझे वो 3 साल का छोटा बच्चा याद आ रहा है जो अपनी मां की ऊंगली पकड़ कर 1983 में पहली बार पीलीभीत आया था. उसे कहा पता था कि एक दिन यह धरती उसकी कर्मभूमि और यहां के लोग उसका परिवार बन जाएंगे. आगे वरुण गांधी लिखते है कि एक सांसद के तौर पर मेरा कार्यकाल भले ही समाप्त हो रहा हो, पर पीलीभीत से मेरा रिश्ता अंतिम सांस तक खत्म नहीं हो सकता.
कौन हैं जितिन प्रसाद
वरुण गांधी की जगह पार्टी ने जितिन प्रसाद को टिकट दिया है. बता दें, जितिन प्रसाद ने भारतीय युवा कांग्रेस में महासचिव के रूप में अपना करियर साल 2001 में शुरू किया था. फिर साल 2004 में, उन्होंने अपना पहला चुनाव जीता और 14वीं लोकसभा में अपने गृह नगर शाहजहांपुर, यूपी से संसद सदस्य चुने गए. 9 जून 2021 में जितिन प्रसाद कांग्रेस छोड़कर वरिष्ठ भाजपा नेता पीयूष गोयल की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए.