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भूतड़ी अमावस्या पर लगा उज्जैन में उमड़ा आस्था का सैलाब, भक्तों ने लगाई आस्था की डुबकी

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उज्जैन: आज सोमवार को सोमवती और भूतड़ी अमावस्या का विशेष संयोग बना है। इस अवसर पर लोग धार्मिक स्थलों पर स्नान करके दुखों से मुक्ति पाते हैं। इसी कड़ी में उज्जैन के केडी पैलेस और शिप्रा नदी के रामघाट पर तड़के से ही श्रद्धालुओं का जमावड़ा रहा। मान्यता है कि आज के खास संयोग पर शिप्रा नदी और नर्मदा नदी में डुबकी लगाने से कष्ट दूर हो जाते है, खासकर केडी पैलेस स्थित 52 कुंड में स्नान करने से बुरी आत्माओं से मुक्ति मिलती है।

उज्जैन के 52 कुंड में सुबह से ही मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से आए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। स्नान के दौरान बहुत से लोग बुरी आत्मा के साए को भगाते नजर आए। मान्यता है कि डुबकी लगाने के दौरान हाथों में तलवार, लोहे की चेन और चाकू से अपने आप को चोट पहुंचाने से बुरी आत्मा का नाश होता है। वहीं भूतड़ी अमावस्या पर प्रशासन ने भी भारी भीड़ होने के चलते इस बार काफी अच्छे इंतजाम किए थे। स्नान के दौरान कोई हादसा न हो इसके लिए लगातार गहरे पानी में जाने वालों को चेतावनी दी जा रही थी। वहीं दो पहिया और कार बस के निर्धारित स्थान पर पार्क करवाया गया जिससे ज्यादा जाम की स्थिति नहीं बनी।

भूतड़ी अमावस्या पर पितरों की पूजा का खास महत्व

12 माह में चैत्र मास का कृष्ण पक्ष यदि सोमवती तथा ग्रह विशेष की योग के साथ संयुक्त हो तो पितरों के मोक्ष के लिए विशेष दिन बताया जाता है। राहु, सूर्य के योग होने से सोमवती, भूतड़ी अमावस्या का भी नाम दिया गया है। हालांकि लोक परंपरा में इसे भूतड़ी कहा जाता है। सामान्यतः सूर्य राहु की युति संबंध से ज्ञात-अज्ञात पितरों के निमित्त पूजन करने से उन्हें मुक्ति व मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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