यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के दौरान चीन रूस की मदद कर रहा है, साथ ही रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 में रूस का 90 प्रतिशत माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स आयात चीन से हुआ, जिसका इस्तेमाल रूस ने मिसाइल, टैंक और विमान बनाने के लिए किया है. दूसरी तरफ यूक्रेन हथियारों के लिए तरस रहा है.
यूक्रेनऔर रूस के बीच चल रहे युद्ध के दौरान, चीन रूस को अपने रक्षा औद्योगिक (Defence Industrial) को इतने बड़े पैमाने पर बढ़ाने में मदद कर रहा है कि मॉस्को अब सोवियत काल के बाद से सबसे बड़ी सैना बना रहा है. एक अधिकारी ने दावा किया कि चीन और रूस, रूस के अंदर ड्रोन बनाने के लिए एक साथ काम कर रहे हैं.
यूक्रेन में हथियारों की कमी
दरअसल चीन के समर्थन से यूक्रेन पर हमला जारी रखने की रूस की ताकत पर असर पड़ रहा है, जबकि दूसरी तरफ यूक्रेन की सेना हथियारों की कमी से जूझ रही है.रिपोर्ट के अनुसार, इस हफ्ते अमेरिकी यूरोपीय कमान के कमांडर जनरल क्रिस कैवोली ने सांसदों को बताया कि 2 साल से अधिक समय पहले यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से रूस अपनी सेना को पुनर्गठित करने में “काफी सफल” रहा है, रिपोर्ट में बताया गया कि यूक्रेन पर हमला करने से पहले से अब रूस की ताकत काफी हद तक “बढ़ गई है”. साथ ही अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि इतनी तेजी से जो रूस ने अपनी ताकत बढ़ाई है इस के लिए चीन काफी हद तक जिम्मेदार है.
चीन कर रहा रूस को मदद
एक दूसरे अधिकारी ने कहा, इस गहरी होती चीन-रूस साझेदारी के चलते 2023 में, रूस का 90 प्रतिशत माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स आयात चीन से हुआ, जिसका इस्तेमाल रूस ने मिसाइल, टैंक और विमान बनाने के लिए किया है. अधिकारियों ने कहा कि रूस में तोपखाने के गोलों का तेजी से बढ़ रहा उत्पादन, बड़े पैमाने पर, चीन से आने वाले नाइट्रोसेल्यूलोज की वजह से है. इस महीने की शुरुआत में, ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने देश की यात्रा के दौरान चीन को यूक्रेन युद्ध के दौरान चीनी कंपनियों द्वारा रूस को समर्थन करने पर सख्त परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी.