चैंपियन की तरह सोचो… ऋषभ पंत ने दिल्ली कैपिटल्स के अंदर से निकाला हार का डर, लखनऊ पर जीत तो बस ट्रेलर हैचैंपियन की तरह सोचो… ऋषभ पंत ने दिल्ली कैपिटल्स के अंदर से निकाला हार का डर, लखनऊ पर जीत तो बस ट्रेलर है
IPL 2024 का चैंपियन कौन बनेगा? अभी पता नहीं. लेकिन, दिल्ली कैपिटल्स ने चैंपियन की तरह सोचना, एक चैंपियन टीम के अंदाज में मैदान पर विरोधी का मुकाबला करना शुरू कर दिया है. अगर ऐसा नहीं होता वो लखनऊ सुपर जायंट्स की बाधा को पार नहीं कर पाता. दिल्ली की टीम ऐसा करने में सफल रही क्योंकि कप्तान ऋषभ पंत ने उसके अंदर से हारने का खौफ मैच के शुरू होने से पहले ही निकाल फेंका था. इसका जिक्र खुद दिल्ली के कप्तान ने ही मैच के खत्म होने के बाद किया.
12 अप्रैल को लखनऊ के एकाना स्टेडियम पर खेले लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ मुकाबले को दिल्ली कैपिटल्स ने 6 विकेट से 11 गेंद पहले जीता. मैच खत्म होने के बाद जो नतीजा दिखा, उसकी संभावना मैच के शुरू होने से पहले बिल्कुल भी नहीं थी. इसकी दो वजहें थीं. पहली दिल्ली की टीम के खिलाफ लखनऊ का 100 फीसद जीत का रिकॉर्ड और दूसरी 160 या उससे ज्यादा रन बना लेने के बाद लखनऊ की टीम की ना हारने की आदत. लेकिन, वो ऋषभ पंत की जीत की चिंगारी ही थी, जिसके दम पर दिल्ली कैपिटल्स ने सारी बाधाओं को पार कर IPL 2024 में अपनी दूसरी जीत को गले लगाया.
IPL इतिहास में पहली बार हुईं ये 2 चीजें
दिल्ली का लखनऊ के साथ IPL की पिच पर ये चौथा मुकाबला था. इससे पहले खेले तीनों मुकाबले लखनऊ सुपर जायंट्स के नाम रहे थे. लेकिन, चौथे मैच में अपना मैदान होते हुए भी उसे चित होना पड़ा. मतलब आईपीएल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब दिल्ली कैपिटल्स ने लखनऊ की टीम को हराया.
दिल्ली के लिए अपनी जीत की स्क्रिप्ट लिखना मुश्किल इसलिए भी था क्योंकि वो लखनऊ के खिलाफ 168 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही थी. इसस पहले 13 बार लखनऊ ने पहले बैटिंग करते हुए 160 या उससे ज्यादा रन बनाए. लेकिन, हर बार उसने उस स्कोर को डिफेंड किया था. ऐसे में 13 मैचों के बाद 160 प्लस स्कोर वाले लखनऊ के 14वें IPL मैच में ये भी पहली ही बार हुआ, जब वो उसे डिफेंड करने में नाकाम रही और दिल्ली ने उसकी उस दीवार को गिराते हुए मुकाबला जीता.
ऋषभ पंत की हुंकार ने DC के अंदर से निकाला हार का डर!
IPL के इतिहास में अब ये दो चीजें पहली बार क्यों हुईं, वो जान लीजिए. ऐसा इसलिए क्योंकि ऋषभ पंत ने इस मैच से पहले ही अपनी टीम के अंदर जीत की चिंगारी जला दी थी. पंत ने खुद मैच के बाद इसका जिक्र किया और कहा- मैंने टीम से कह दिया था कि हमें जीतना है तो चैंपियन की तरह सोचना होगा और चैंपियन की तरह लड़ना होगा. हमें एक टीम के तौर पर एकजुट होकर मुकाबले में बने रहना होगा.
चैंपियन की तरह सोचने को कहने वाले पंत वैसे ही खेले भी
पंत ने मैच से पहले अपने बयान से जीत की चिंगारी सिर्फ जलाई ही नहीं बल्कि उसे अमलीजामा पहनाने में मैदान पर हर तरह से अपनी भूमिका को बखूबी निभाते भी दिखे. ऋषभ पंत ने कप्तानी से तो ये काम किया ही, बल्लेबाजी में भी 170 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट से 23 गेंदों पर 41 रन बनाते हुए बेहतरीन रोल प्ले किया.