Breaking
स्कूल और घरों में भी सेफ नहीं बच्चे, केरल में थम नहीं रहा मासूमों का यौन शोषण बिहार में बेहाल मास्टर जी! कम पड़ रहा वेतन, स्कूल के बाद कर रहे डिलीवरी बॉय का काम बिहार: अररिया-हाजीपुर और किशनगंज में सांस लेना मुश्किल, 11 जिले रेड जोन में; भागलपुर और बेगूसराय में... मेरठ में महिला से छेड़छाड़ पर बवाल, 2 पक्षों के लोग आमने-सामने; भारी पुलिस बल तैनात अर्पिता मुखर्जी को मिली जमानत, बंगाल में शिक्षक भर्ती स्कैम में ED ने जब्त किया था करोड़ों कैश महाराष्ट्र का अगला CM कौन? दो दिनों के बाद भी सस्पेंस बरकरार फिर विवादों में IPS रश्मि शुक्ला, देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, EC से की एक्श... महाराष्ट्र में हार के बाद INDIA ब्लॉक में रार, ममता को गठबंधन का नेता बनाने की मांग आश्रम में ‘डाका’… दर्शन के बहाने जाती और करती रेकी, युवती ने दोस्तों संग मिल 22 लाख का माल किया पार रबिया सैफी हत्याकांड की जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, दिल्ली और हरियाणा सरकार से मांगा जवाब

ईरान के हाथों में है इकोनॉमी की ‘दुखती रग’, टेंशन में आई सारी दुनिया

Whats App

मिडिल ईस्ट का ईरान देश दुनिया के लिए क्यों अहम है? क्या दुनिया की सुपर पॉवर कंट्री है? क्या उसके पास दुनिया में सबसे ज्यादा हथियार हैं? क्या ईरान दुनिया का सबसे अमीर देश है? इन तमाम बातों का जवाब नहीं में ही होगा. वास्तव में दुनिया ईरान से इसलिए डरती है कि कहीं वो उस एक रास्ते को ना रोक दे जिससे दुनिया में फ्यूल सप्लाई होता है.

जी हां, उस रास्ते से सऊदी अरब, इराक और यूएई से कच्चे तेल शिपमेंट गुजरते हैं. अगर मिडिल ईस्ट की टेंशन में इस रास्ते को ईरान ने अपने हाथों में ले लिया तो दुनिया में फ्यूल का कितना बड़ा संकट खड़ा हो सकता है. उसका अंदाजा किसी को भी नहीं है. यही वो वजह है कि ईरान पर हमला करने से पहले इजरायल और अमेरिका दोनों को कई बार सोचना पड़ रहा है.

अगर जानकारों की मानें तो ईरान अगर उस एक रास्ते को बंद कर देता है तो दुनिया में ऑयल के दाम तमाम रिकॉर्ड तोड़ देगा. कीमतें किस लेवल पर पहुंच जाएंगी. इसका अंदाजा तक लगाना मुश्किल हो सकता है. इस रास्ते मो ग्लोबल इकोनॉमी की दुखती रग या नाजुक नस भी कहा जाता है. इस नस को दबाया तो ग्लोबल इकोनॉमी की सांसे ऊपर-नीचे होने लगेगी.

Whats App

मौजूदा समय में कोई भी देश इस जोखिम को नहीं लेना चाहेगा. आखिर वो रास्ता है कौन सा, जिस ईरान की नजरें लगातार बनी रहती हैं. क्या उस रास्ते पर ईरान का होल्ड इतना ज्यादा है कि मिडिल का कोई देश हस्तक्षेप ही नहीं कर सकता है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर ईरान की असली ताकत क्या है और उस ताकत के सामने दुनिया का हर देश झुका हुआ दिखाई दे रहा है.

ये है वो रास्ता

ये रास्ता कोई और नहीं बल्कि स्ट्रेट ऑफ होर्मुज है. इस रास्ते से दुनिया को सप्लाई होने वाला एक तिहाई एलएनजी सप्लाई होता है. अगर बात कच्चे तेल की कीमत की करें तो दुनिया का 25 फीसदी क्रूड इसी रास्ते से जाता है. जिसकी वजह से स्ट्रेट ऑफ होर्मुज पूरी दुनिया के लिए सबसे अहम ट्रेड रूट है. ये ही वो रास्ता है जिसके अवरुद्ध होने या बंद होने से ग्लोबल इकोनॉमी की सांसे फूलने लग जाएंगी.

दुनिया के आधे से ज्यादा देशों में कच्चे तेल की कीमत आसमान छूने लगेगी. विकासशील देशों और अविकसित देशों की इकोनॉमी ताश के पत्तों की तरह बिखर जाएगी. सबसे अहम बात यहां गुजरने वाले गैस और तेल की पूर्ति ना तो अमेरिका पूरा कर सकेगा और ना रूस. ना ही वो देश जोकि ओपेक संगठन से जुड़े हुए नहीं है. इसी वजह से इस ट्रेड रूट को ग्लोबल इकोनॉमी की नाजुक नस भी कहा जाता है.

होर्मुज पर ईरान की नजर

वास्तव में स्ट्रेट ऑफ होर्मुज भौगालिक स्थिति काफी जटिल है. ये फारस की खाड़ी से खुले महासागर की ओर से जाने का एकमात्र रास्ता है. ईरान की नजर इस रास्ते काफी रहती है. ईरान स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के दक्षिण में है. जिसकी वजह से ईरान को यहां इस स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को तीनों ओर से घेरने का मौका मिलता है. वहीं दूसरी ओर यूएई और सऊदी अरब जैसे देश भी हैं.

इसी रास्ते से इन देशों के शिपमेंट गुजरते हैं. ऐसे में ईरान के पास इस इलाके को अपने कंट्रोल में रखने और अपनी मौजूदगी की ज्यादा सहूलियत भी है. यही वजह से है दुनिया को ईरान से काफी डर इसलिए लगता है कि कहीं वह इस रास्ते को अपने फुूली कंट्रोल में ना ले ले. अगर ऐसा हुआ तो दुनिया की इकोनॉमी को काफी नुकसान होने की संभावना है.

क्यों डरी हुई है दुनिया?

ईरान-इजराइल टेंशन पर विश्लेषकों ने कहा कि अगर ईरान ने स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को अवरुद्ध किया तो कच्चे तेल और एलएनजी की कीमतें बढ़ सकती हैं. इस स्ट्रेट ऑफ होर्मुज से भारत जैसे देश सऊदी अरब, इराक और यूएई से कच्चा तेल आयात करते हैं. ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष पिछले कुछ दिनों में बढ़ गया है. ईरान ने पहले इजराइल पर ड्रोन और रॉकेट हमले किए.

इसके बाद इजराइल ने मिसाइल दागकर जवाबी कार्रवाई की. संघर्ष के बाद से कच्चे तेल की कीमतें 90 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के आसपास पहुंच गईं. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा कि हालांकि तनाव कम करने के प्रयासों से संकट पर नियंत्रण होने की संभावना है, लेकिन अगर ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य को अवरुद्ध किया तो तेल और एलएनजी की कीमतें तेजी से बढ़ेंगी.

इस रास्ते से कितना और कौन सा ट्रेड

होर्मुज जलडमरूमध्य ओमान और ईरान के बीच लगभग 40 किलोमीटर चौड़ी एक समुद्री पट्टी है. इस मार्ग के जरिए सऊदी अरब (63 लाख बैरल प्रति दिन), यूएई, कुवैत, कतर, इराक (33 लाख बैरल प्रति दिन) और ईरान (13 लाख बैरल प्रति दिन) कच्चे तेल का निर्यात करते हैं. ग्लोबल एलएनजी ट्रेड का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा इसके जरिए जाता है. इसमें कतर और यूएई से लगभग सभी एलएनजी निर्यात शामिल हैं. मोतीलाल ओसवाल ने अपनी टिप्पणी में कहा कि इस तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के लिए कोई वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध नहीं है. भारत सऊदी अरब, इराक और यूएई से तेल के साथ ही एलएनजी का आयात इसी मार्ग से करता है.

स्कूल और घरों में भी सेफ नहीं बच्चे, केरल में थम नहीं रहा मासूमों का यौन शोषण     |     बिहार में बेहाल मास्टर जी! कम पड़ रहा वेतन, स्कूल के बाद कर रहे डिलीवरी बॉय का काम     |     बिहार: अररिया-हाजीपुर और किशनगंज में सांस लेना मुश्किल, 11 जिले रेड जोन में; भागलपुर और बेगूसराय में बढ़ी ठंड     |     मेरठ में महिला से छेड़छाड़ पर बवाल, 2 पक्षों के लोग आमने-सामने; भारी पुलिस बल तैनात     |     अर्पिता मुखर्जी को मिली जमानत, बंगाल में शिक्षक भर्ती स्कैम में ED ने जब्त किया था करोड़ों कैश     |     महाराष्ट्र का अगला CM कौन? दो दिनों के बाद भी सस्पेंस बरकरार     |     फिर विवादों में IPS रश्मि शुक्ला, देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, EC से की एक्शन की मांग     |     महाराष्ट्र में हार के बाद INDIA ब्लॉक में रार, ममता को गठबंधन का नेता बनाने की मांग     |     आश्रम में ‘डाका’… दर्शन के बहाने जाती और करती रेकी, युवती ने दोस्तों संग मिल 22 लाख का माल किया पार     |     रबिया सैफी हत्याकांड की जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, दिल्ली और हरियाणा सरकार से मांगा जवाब     |