दूसरे चरण में सिर्फ 0.6 प्रतिशत ज्यादा हुई वोटिंग, लेकिन इस राज्य की परफॉर्मेंस से खुश हुआ चुनाव आयोग
देश में लोकसभा के चुनाव हो रहे हैं. 19 अप्रैल से मतदान की शुरुआत हुई. दो चरणों के लिए वोट डाले जा चुके हैं. पहले चरण में जहां 102 सीटों पर वोटिंग हुई थी तो दूसरे चरण में 88 सीटों पर मतदान हुआ. यानी लोकसभा की 190 सीटों पर वोट डाले जा चुके हैं. चुनाव आयोग ने मंगलवार को फाइनल आंकड़ा जारी कर बताया कि दोनों चरणों में कितनी वोटिंग हुई. अयोग के मुताबिक, पहले चरण में 66.14 प्रतिशत तो दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत मतदान हुआ.
2019 के लोकसभा चुनाव से तुलना करें तो इसमें गिरावट दर्ज हुई है. उस चुनाव में पहले चरण में 69.43 प्रतिशत और दूसरे चरण में 69.17 प्रतिशत मतदान हुआ था. इस बार के चुनाव में पहले फेज के मुकाबले दूसरे चरण में ज्यादा वोटिंग हुई. हालांकि ये अंतर बेहद कम है. दोनों चरणों में वोटिंग प्रतिशत का अंतर सिर्फ .57 रहा.
चुनाव आयोग ने की राजस्थान की तारीफ
चुनाव आयोग ने वोटिंग प्रतिशत में सुधार के लिए राजस्थान की तारीफ की. आयोग ने अन्य राज्यों को भी राजस्थान की वर्किंग से सीख लेने को कहा. केंद्रीय चुनाव आयोग ने दूसरे चरण में वोटिंग में सुधार के कामकाज पर दूसरे राज्यों से तुलनाकर राजस्थान को बेहतर बताया.
दरअसल, राजस्थान में पहले चरण की गिरावट के बाद प्रदर्शन में सुधार देखने को मिला. राज्य में दूसरे चरण में 65.52 प्रतिशत वोटिंग हुई. पहले चरण में 57.65 प्रतिशत मतदान हुआ था. 2019 की तुलना में राज्य की 25 लोकसभा सीटों पर करीब 4.5 प्रतिशत कम मतदान हुआ है. दूसरे चरण में राजस्थान की 13 सीटों पर वोटिंग हुई थी. इसमें 2.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. दूसरे राज्यों की तुलना में ये आंकड़ा दो से तीन गुना तक अधिक रहा है. 2019 के चुनाव में राजस्थान में 66.34 प्रतिशत मतदान हुआ था.
विपक्ष ने उठाया सवाल
विपक्ष ने पहले और दूसरे चरण के मतदान के अंतिम आंकड़े जारी करने में देरी को लेकर सवाल उठाया. माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने एक्स पर लिखा, अंतत: निर्वाचन आयोग ने पहले दो चरण के लिए मतदान के अंतिम आंकड़े जारी कर दिए हैं, जो प्रारंभिक आंकड़ों से मामूली नहीं, बल्कि काफी अधिक हैं.
तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, दूसरे चरण के समाप्त होने के चार दिन बाद, निर्वाचन आयोग ने मतदान के अंतिम आंकड़े जारी किए. निर्वाचन आयोग ने चार दिन पहले जो आंकड़े जारी किए थे, उससे 5.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी (मतदान में उछाल) हुई है. उन्होंने सवाल किया कि क्या यह सामान्य है?