कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ करीब 200 विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर्स ने कानूनी कार्रवाई की मांग की है. सभी ने साझा बयान जारी कर राहुल गांधी के आरोपों की कड़ी निंदा की है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा था कि वाइस चांसलर्स की नियुक्ति योग्यता को ताक पर रख कुछ संगठनों से संबंधों के आधार पर की जा रही है.
साझा बयान में कुलपतियों और अन्य वरिष्ठ शिक्षाविदों ने राहुल गांधी के आरोप का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि कुलपतियों की नियुक्ति की प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से योग्यता के आधार पर हो रही है. कुलपति अपने कामकाज में संस्थाओं की मर्यादा और नैतिकता का ध्यान रखते हैं. ग्लोबल रैंकिंग के हिसाब से देखें तो भारतीय विश्वविद्यालयों में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है.
180 वाइस चांसलर्स और शिक्षाविदों के हस्ताक्षर
साझा बयान वाले दस्तावेज पर 180 वाइस चांसलर्स और शिक्षाविदों के हस्ताक्षर हैं. दस्तखत करने वालों में संगीत नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी,एनसीआईआरटी, नेशनल बुक ट्रस्ट, एआईसीटीई, यूजीसी आदि के प्रमुख भी शामिल हैं.
हिंदुस्तान में मेरिट के आधार पर नहीं बनते VC
बता दें कि करीब चार-पांच महीने राहुल गांधी ने हिंदुस्तान के वाइस चांसलर्स को लेकर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था, आज हिंदुस्तान के वाइस चांसलर मेरिट के आधार पर नहीं बनते हैं. आज सभी वाइस चांसलर एक ही संगठन के हैं. सारी संस्थाओं पर बीजेपी का कब्जा है.