बद्रीनाथ में अव्यवस्था और VIP दर्शन से पुजारियों और लोगों में नाराजगी, किया प्रदर्शन-दुकानें रहीं बंद
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू हो गई है. श्रद्धालु बड़ी संख्या में दर्शन करने चारधाम पहुंच रहे हैं. ऐसे में तीर्थयात्रियों को चारधाम यात्रा के खराब प्रबंधन के कारण अनेक परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है. उत्तराखंड के बद्रीनाथ में पुजारियों और स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन के कुप्रबंधन के खिलाफ सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया. विरोध में मंदिर में दुकानें बंद कर दी गईं. पंडा समुदाय और स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए. कुछ समय के लिए बाजार और दुकानें बंद रखीं, इससे दर्शन करने पहुंचे तीर्थयात्रियों को काफी असुविधा हुई. आपको बता दें कि चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू हुई.
वीआईपी दर्शन बंद करने की मांग
बद्रीनाथ में दर्शन करने आने वाले आम लोगों को वीआईपी दर्शन व्यवस्था से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है. ऐसे में प्रदर्शनकारियों ने बद्रीनाथ में वीआईपी दर्शन व्यवस्था बंद करने के विरोध में प्रदर्शन किए. स्थानीय लोगों के लिए पारंपरिक मार्गों से बैरिकेड हटाने और पहले की तरह मंदिर में प्रवेश की सुविधा देने की मांग सहित आधा दर्जन से अधिक मांगों के समर्थन में हंगामा किया गया. हालांकि बाद में प्रदर्शनकारियों और मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों के बीच वार्ता के बाद सड़कों से बैरिकेडिंग हटा दी गई.
एक्शन में दिखा प्रशासन
उत्तराखंड सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर अगले 15 दिनों तक चार धाम दर्शन के लिए वीआईपी लोगों को आने की अनुमति नहीं देने का अनुरोध किया है. उप जिलाधिकारी ने बताया कि मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों और प्रदर्शनकारियों से बातचीत के बाद बामणी गांव की ओर जानी वाली सड़क से बैरिकेटिंग को हटा दिया गया. केदारनाथ और बद्रीनाथ के मास्टर प्लान के नाम पर होने वाली अव्यवस्था को लेकर स्थानीय प्रशासन के खिलाफ भी लोगों में गुस्सा था. जोशीमठ के उप जिलाधिकारी चन्द्रशेखर वशिष्ठ ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की अन्य मांगों के बारे में उच्च अधिकारियों को जानकारी दी जा चुकी है. आपको बता दें कि बद्रीनाथ के निवासी अपनी अन्य मांगों को पूरा कराने के लिए अगली रणनीति तय करने के लिए मंगलवार को बैठक करेंगे.
तोड़े गए एक दर्जन से ज्यादा घर
बद्रीनाथ तीर्थ पुरोहित संगठन से जुड़े परवीन ध्यानी ने आरोप लगाया कि पंडा समुदाय के एक दर्जन से अधिक सदस्यों के घर तोड़ दिए गए हैं. दूसरी ओर, उन्होंने कहा कि वीआईपी दर्शन के नाम पर मंदिर ट्रस्ट ने अराजकता पैदा की और स्थानीय लोगों के घरों तक जाने वाले मुख्य पैदल मार्ग को बंद कर दिया गया. ध्यानी ने आगे कहा कि विरोध-प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने पैदल मार्ग से बैरिकेट हटा दिए और वीआईपी दर्शन के लिए काउंटर भी बंद कर दिए.