Sita Navami 2024: सीता नवमी को जानकी जयंती के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. यह त्योहार वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भक्त भगवान राम की पत्नी माता सीता और देवी लक्ष्मी के अवतार की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं. सीता नवमी माता सीता के जन्म का उत्सव है. माता सीता को पतिव्रता धर्म का प्रतीक माना जाता है. सीता नवमी के दिन उनकी पूजा करने से पति-पत्नी के बीच प्रेम और स्नेह बढ़ता है.
ऐसी मान्यता है कि सीता नवमी के दिन उनकी पूजा करने से सदाचार का मार्ग अपनाने की प्रेरणा मिलती है. माता सीता को सुख-समृद्धि की देवी भी माना जाता है. सीता नवमी के दिन उनकी पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और जीवन में आने वाले कष्टों से छुटकारा मिलता है. सीता नवमी के दिन माता सीता की पूजा करने से जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं और इस दिन दान करने का बहुत महत्व है. इससे जीवन में खुशियों का आगमन होता है.
सीता नवमी शुभ मुहूर्त
पंचाग के अनुसार, 16 मई को मध्यान काल यानी सुबह 11 बजकर 5 मिनट से दोपहर 1 बजकर 40 मिनट तक का समय माता सीता के पूजा के लिए बेहद शुभ है. ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस समय में माता सीता की पूजा करता है, उसे आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है और सुख-समृद्धि का वास होता है.
सीता नवमी पर ये चीजें करें दान
- सीता नवमी पर दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती हैं. आप सीता नवमी पर इन चीजों का दान कर सकते हैं.
- सीता नवमी के मौके पर आप गरीबों, भिखारियों या अनाथालयों में भोजन का दान कर सकते हैं और आप गरीबों या जरूरतमंदों को कपड़े दान कर सकते हैं.
- नवमी के दिन आप दान पुण्य संस्थाओं या मंदिरों को दान कर सकते हैं. आप सोने या चांदी की वस्तुएं दान कर सकते हैं.
- आप गरीबों या जरूरतमंदों को दवाएं दान कर सकते हैं, इससे उनका स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहेगा.
- सीता नवमी पर आप मिट्टी या धातु के बर्तन के अलावा धार्मिक पुस्तकें या अन्य पुस्तकें दान कर सकते हैं.
- आप गरीबों या जरूरतमंदों को कालीन, चादरें और बच्चों को खिलौने दान कर सकते हैं.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, सीता नवमी पर दान करते समय दान करने वाले और प्राप्त करने वाले दोनों के मन में अच्छे विचार होने चाहिए. इससे सीता नवमी पर किए गए दान से आपको पुण्य प्राप्त होता है और आपके जीवन में सुख-समृद्धि आती है. लोगों को दान करने की बात किसी को नहीं बतानी चाहिए. इस तरह के दान को हमेशा गुप्त रखना चाहिए. इससे गुप्त दान का पुण्य फल जल्द ही मिल जाता है.