दंतेवाड़ा कुआकोंडा ब्लॉक के ग्राम हड़मामुंडा में छठी कार्यक्रम में खाना खाकर लगभग 50 ग्रामीण फूड पॉइजनिंग के शिकार हो गए। 20 ग्रामीणों का गांव में ही कैंप लगाकर इलाज किया जा रहा है तो वही बाकी ग्रामीणों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुआकोंडा भेजा गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
ग्रामीणों के मुताबिक गुरुवार की रात गांव के हूंगा कर्मा के घर छठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें सभी ने मुर्गा, बकरा का मांस खाया था। आज सुबह से ही मांस खाए ग्रामीणों को उल्टी-दस्त को शिकायत होने लगी। बिगड़ती हालत को देखते हुए कुआकोंडा से डॉक्टरों की टीम गांव पहुंची और कैंप लगाकर ग्रामीणों का ईलाज शुरू किया गया।
मौके पर मौजूद चिकित्सा अधिकारी केविन थॉमस ने बताया कि ग्रामीणों को फूड पॉइजनिंग होने के कारण लगातार उल्टी-दस्त की शिकायत है। तेज गर्मी में मुर्गा, बकरा खाने से भी यह शिकायत होती है। 6 ग्रामीणों को बेहतर उपचार के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है, वहीं बाकी ग्रामीणों की हालत अभी स्थिर है। इस मामले में ज्यादा जानकारी देते कुआकोंडा बीएमओ डॉ देश दीपक ने बताया कि अस्पताल व गांव में मेडिकल टीम समय से पहुंच गई थी। सभी ग्रामीण अभी खतरे से बाहर है। जिन ग्रामीणों को बेहतर इलाज की आवश्यकता थी उन्हें जिला अस्पताल रिफर किया गया है। बाकी ग्रामीणों को जल्द ही डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।