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ओडिशा में पहली बार BJP सरकार! क्या सच हुई पीएम नरेंद्र मोदी की भविष्यवाणी?

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ओडिशा विधानसभा चुनाव 2024 की 147 सीटों पर हुई वोटिंग की काउंटिंग जारी है. शुरुआती रुझानों में नवीन पटनायक की बीजेडी आगे चल रही थी. ऐसा लग रहा था मानो बीजेडी यह बाजी मार जाएगी. लेकिन ये तो सिर्फ शुरुआती रुझान थे. जैसे ही सुबह के 10 बजे तो मामला उल्टा पड़ता नजर आया. बीजेपी ने बीजेडी को पछाड़ते हुए लगातार अपनी बढ़त बनानी शुरू कर दी. इस बीच कांग्रेस ने भी अपना खाता खोला. साथ ही निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी दो सीटों पर अपना जलवा दिखाया.

सुबह 11 बजे तक बीजेपी 76 सीटों पर आगे बढ़ती दिखी. जबकि, बीजेडी के रुझानों में 53 सीटों पर आगे दिखी. कुल मिलाकर 147 सीटों में से 76 सीटों पर बीजेपी का दबदबा दिखा. बीजेडी भी ऊपर आती नजर आई. लेकिन कांग्रेस दोनों ही पार्टियों से काफी पीछे रही. दोपहर साढ़े बारह बजे से एक बार फिर उलटफेर देखने को मिला.

बीजेपी 76 से कम होते हुए दोपहर एक बजे 70 सीटों पर आ पहुंची. बीजेडी ने रफ्तार पकड़ी और 59 सीटों पर बढ़त बनाती दिखी. कांग्रेस 15 सीटों पर आगे थी. दोपहर एक बजे तक हिंजली से नवीन पटनायक 3834 वोटों से आगे रहे. लेकिन कांटाबांजी में नवीन पटनायक पीछे दिखे. यहां बीजेपी के लक्ष्मण बाग 9142 वोट से आगे थे इस सीट पर दूसरे नंबर पर AIFB के अभिराम धरुआ थे. दोपहर दो बजे तक के रुझानों में बीजेपी 74 सीटों पर आगे रही. बीजेडी 55 सीटों पर और कांग्रेस 16 पर आगे चल रही थी. दोपहर साढ़े चार बजे के रुझानों में बीजेपी ही आगे दिखी. फिलहाल बीजेपी 80 सीटों पर आगे है. जबकि, बीजेडी 48 सीटों पर है. कांग्रेस 15 और निर्दलीय 3 सीटों पर आगे है.

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इन रुझानों से साफ दिख रहा है कि ओडिशा विधानसभा में पहली बार बीजेपी की सरकार बनने जा रही है. राज्य की 147 विधानसभा सीटों के लिए हो रही मतगणना के ताजा रुझानों के अनुसार राज्य में भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाती दिख रही है. बीजेपी को सबसे ज्यादा उत्तर ओडिशा में बढ़त मिली है. पार्टी उत्तर ओडिशा में शानदार प्रदर्शन करती दिख रही है. बीजेपी को ओडिशा के बारगढ़, कालाहांडी, बालंगीर, पुरी, संभलपुर और क्योंझर में बढ़त मिलती दिख रही है.

पांच चेहरों में से कोई एक बन सकता है सीएम

अगर ओडिशा विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सरकार बनती है तो सीएम कौन बनेगा? इस सवाल का जवाब है- सीएम रेस में कई नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, जिनमें 5 नाम सबसे आगे चल रहे हैं. बीजेपी की तरफ से सबसे पहला नाम धर्मेंद्र प्रधान का नाम मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर आगे चल रहा है. बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री रेस में दूसरा सबसे बड़ा चेहरा संबित पात्रा का है. वह पुरी लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ रहे हैं. BJP की ओर से ओडिशा के संभावित मुख्यमंत्री की रेस में अपराजिता सारंगी का नाम भी चल रहा है. अपराजिता सारंगी भुवनेश्वर से मौजूदा संसद हैं. वह साल 1994 बैच के ओडिशा कैडर की पूर्व IAS हैं. अपराजिता सारंगी ने अपनी नौकरी छोड़ दी और लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए 27 नवंबर 2018 को भाजपा में शामिल हुई थीं.

साल 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले BJP ने ओडिशा के प्रदेश अध्यक्ष बदल दिया. वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मनमोहन सामल को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया. सामल ने समीर मोहंती की जगह ली है. सामल भी मुख्यमंत्री पद की रेस में सशक्त दावेदार के रूप में उभरे हैं. मुख्यमंत्री की रेस में एक नाम BJP नेता जय नारायण मिश्रा का भी है. जय नारायण मिश्रा संबलपुर विधानसभा क्षेत्र से ओडिशा विधानसभा के सदस्य हैं.

24 साल से ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक

2019 के विधानसभा चुनावों में नवीन पटनायक 112 सीटें जीतकर सत्ता में लौटे थे. बीजेपी को 23 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक राज्य के ही नहीं, बल्कि देश के दूसरे सबसे ज्यादा बार सीएम पद पर रहने वाले नेता हैं. देश में पहले नंबर पर सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग ने सबसे ज्यादा समय के लिए सीएम पद की शपथ ली है. चामलिंग ने दिसंबर 1994 से लेकर मई 2019 तक 24 साल 68 दिन सिक्किम में मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी सेवाएं दीं.

माना जा रहा था कि अगर इस बार भी ओडिशा में विधानसभा के नतीजे बीजद के पक्ष में आते हैं तो नवीन पटनायक देश में सबसे ज्यादा समय सीमा के लिए मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले नेता बन जाएंगे. 04 जून 2024 तक सीएम पटनायक को मुख्यमंत्री बने हुए 24 साल 89 दिन हो चुके हैं. उन्होंने साल 2000 के मार्च माह में ओडिशा के सीएम पद की शपथ ग्रहण की थी. यह सीएम पटनायक का लगातार छठवां कार्यकाल है. लेकिन जिस तरह से नतीजे सामने आ रहे हैं उससे तो यही दिख रहा है कि राज्य में बीजेपी की सरकार बनेगी.

पटनायक ने कहां से दाखिल किया नामांकन

नवीन पटनायक ने ओडिशा में दो विधानसभा सीटों से अपना नामांकन दाखिल किया था. इसमे पहली कांटाबांजी विधानसभा सीट है और दूसरी हिंजली विधानसभा सीट शामिल है. हिंजली विधानसभा सीट सीएम पटनायक की पांरपरिक सीट रही है. कांटाबांजी विधानसभा सीट पर नवीन पटनायक के खिलाफ भाजपा ने लक्ष्मण बाग को टिकट दिया है. कांग्रेस ने संतोष सिंह सलूजा को चुनाव मैदान में उनके खिलाफ उतारा है. हिंजली से तो नवीन पटनायक जीत रहे हैं. लेकिन कांटाबांजी में नवीन पटनायक काफी पीछे हैं. इस सीट से बीजेपी के लक्ष्मण बाग जीत रहे हैं.

BJD-भाजपा ने दो बार गठबंधन में सरकार बनाई

भाजपा और BJD ने दो विधानसभा चुनाव (2000 और 2004) गठबंधन में लड़ा था. उस समय BJD, NDA की सबसे भरोसेमंद पार्टी मानी जाती थी. साल 2000 में BJD ने 68 और भाजपा ने 38 सीटें जीती थीं. 147 में से 106 सीटों के साथ दोनों पार्टियों ने पहली बार गठबंधन की सरकार बनाई और कांग्रेस को सत्ता से बेदखल किया. 2004 के चुनाव में भाजपा और BJD ने कुल 93 सीटें जीतीं. दोबारा सत्ता में आई.

BJD ने 2009 में 11 साल का गठबंधन तोड़ा

2009 विधानसभा चुनाव से पहले BJD ने भाजपा से 11 साल पुराना का गठबंधन तोड़ लिया. BJD चाहती थी कि भाजपा विधानसभा चुनाव में 163 सीटों में से 40 पर चुनाव लड़े, जबकि भाजपा 63 सीटों पर लड़ना चाहती थी. 2019 में BJD ने 112 सीटें जीतीं. भाजपा 23, कांग्रेस 9 और अन्य के खाते में दो सीटें आईं. 2024 के चुनाव में भी भाजपा और BJD के गठबंधन के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बन पाई. इस बार भाजपा की ओर से खुद प्रधानमंत्री मोदी 10 से ज्यादा सभाएं-रैलियां कर चुके हैं. वे हर रैली में कह चुके हैं कि 4 जून को नवीन बाबू रिटायर होंगे और 10 जून को BJP का CM शपथ लेगा.

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