ग्वालियर। ग्वालियर-चंबल अंचल भाजपा व कांग्रेस की राजनीति का केंद्र हैं। अंचल की चारों लोकसभा सीटें भाजपा की झोली में जाने के बाद भी दिल्ली में अंचल का वजन घटेगा। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अंचल से दिल्ली सरकार में दो केंद्रीय मंत्री थे। इस बार अंचल से केवल ज्योतिरादित्य सिंधिया को ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान मिलने की उम्मीद जताई जा रही है, क्योंकि ग्वालियर, मुरैना से विजयी हुए भारत सिंह कुशवाह व शिवमंगल सिंह तोमर पहली बार जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं। भिंड से अनुसूचित वर्ग की संध्या राय दूसरी बार विजयी हुई हैं। अनुसूचित वर्ग से केंद्रीय मंत्रिमंडल में बुंदेलखंड से वीरेंद्र खटीक की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है।
पिछले चार दशक से दिल्ली में किसी की दल की सरकार रही हो, ग्वालियर-चंबल अंचल का प्रतिनिधित्व मिला है। मोदी सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को वजनदार मंत्रालय मिले हैं। साढ़े चार वर्ष पूर्व ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमल नाथ सरकार को गिराकर भाजपा में शामिल हुए। सिंधिया को इसका प्रतिसाद मिला। भाजपा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान दिया। इससे अंचल से दिल्ली में सरकार दो मंत्री हो गए।
तोमर को दिल्ली से भोपाल शिफ्ट किया
संगठनस्तर पर लिये निर्णय के अनुसार पूर्व कंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को वर्ष 2018 में मुरैना जिले के दिमनी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए राष्ट्रीय राजनीति से शिफ्टिंग प्रदेश की राजनीति में की गई। तोमर के विजयी होने पर उन्हें विधानसभा अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया। इस कारण नरेंद्र सिंह तोमर स्वत: दिल्ली की दौड़ से बाहर हो गए।
सिंधिया का बढ़ेगा कद, प्रभावशाली मंत्रालय मिलना तय
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को गुना-शिवपुरी से चुनावी समर में उतारा। सिंधिया ने पांच लाख 40 हजार से अधिक मतों से जीत दर्ज की है। नरेंद्र सिंह तोमर के राष्ट्रीय राजनीति से दूर होने के बाद अंचल से केवल सिंधिया की दिल्ली सरकार में दावेदारी मजबूत हुई। केंद्रीय उड्डयन मंत्री के रूप में उनका कार्य संतोषजनक रहा है। 18 माह में ग्वालियर एयरपोर्ट का निर्माण कर लोकार्पण कराया। सिंधिया को इस बार भी दिल्ली सरकार में वजनदार मंत्रालय मिलने की संभावना जताई जा रही हैं।