महाराष्ट्र के विधानपरिषद (MLC) चुनाव में शरद पवार के साथ बड़ा खेल हो गया है. शरद पवार के समर्थित उम्मीदवार जयंत पाटिल चुनाव हार गए हैं. 11 सीटों पर हुई वोटिंग में एनडीए ने 9 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि महाविकास अघाडी के खाते में 2 सीटें आई हैं. इस बार एमएलसी चुनाव में 12 उम्मीदवार मैदान में थे.
पहले से आशंका थी कि क्रॉस वोटिंग से किसी न किस का खेल बिगड़ सकता है. अब जब नतीजे आए हैं तो सबसे बड़ा झटका शरद पवार को लगा है.सीनियर पवार को यह झटका कोई और नहीं, बल्कि उनके पुराने सहयोगी कांग्रेस ने दिया है. एमएलसी चुनाव में कांग्रेस ने पवार का खेल कैसे बिगाड़ा है, आइए समझते हैं…
कांग्रेस ने अपने पक्ष में 25 वोट कराए
कांग्रेस के पास विधानसभा में कुल 37 वोट थे और उसे जीतने के लिए सिर्फ 23 वोटों की जरूरत थी. इसके बावजूद कांग्रेस ने सेफ साइड खेला. कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार प्रज्ञा सातव के पक्ष में 25 विधायकों से वोट कराए.
25 वोटों की वजह से कांग्रेस की प्रज्ञा सातव आसानी से चुनाव जीत गईं. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पिछली बार उसके उम्मीदवार एक चंद्रकांत हंडोरे काफी क्लोज फाइट में चुनाव हार गए थे, इसलिए पार्टी ने इस बार कोई रिस्क नहीं लिया है.
बाकी विधायकों की नहीं ली खोज-खबर
कांग्रेस ने प्रज्ञा सातव के लिए अलॉट 25 विधायकों को छोड़कर बाकी विधायकों की कोई खोज-खबर नहीं ली. उन्हें न तो किसी के साथ अटैच किया और न ही उनके लिए सख्ती से वोट देने के लिए निर्देश जारी किए.
मतदान के दौरान कांग्रेस के 7-8 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी है. सूत्रों के मुताबिक अभी तक सिर्फ एक विधायक जीशान सिद्दीकी की पहचान की गई है. हाल ही में जीशान ने कांग्रेस छोड़कर एनसीपी (अजित) का दामन थाम लिया था.
सपा और छोटी पार्टियों के वोट उद्धव को मिले
कांग्रेस की सहयोगी समाजवादी पार्टी और अन्य छोटी पार्टियों के वोट शिवसेना को मिले हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक प्रथम वरीयता में शिवसेना (यूबीटी) के मिलिंद नार्वेकर को 22 वोट मिले हैं, जबकि उसके पास सिर्फ 17 वोट ही थे.
सपा के 2 और अन्य छोटी पार्टियों के 3 वोट उद्धव को ही मिले है. शरद पवार के उम्मीदवार जयंत पाटिल को सिर्फ 12 वोट मिले हैं. ये सभी विधायक पहले से ही शरद पवार के साथ थे.
अजित के समर्थन में क्रॉस वोटिंग?
महाराष्ट्र के विधानपरिषद चुनाव में इस बार अजित पवार ने खेल कर दिया है. बीजेपी ने चुनाव में 4 उम्मीदवार उतारे थे और उसके पास अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिए निर्दलीय के साथ प्रयाप्त वोट थे. इसी तरह शिंदे के पास भी अपने 2 उम्मीदवारों को जिताने के लिए उपलब्ध वोट थे.
अजित के पास 42 वोट ही थे और उसे कुल 46 चाहिए थे. चुनाव आयोग के मुताबिक अजित के 2 उम्मीदवारों को कुल 47 वोट मिले हैं. कहा जा रहा है कि कांग्रेस के 5 विधायकों की क्रॉस वोटिंग अजित गुट के पक्ष में हुई है. इधर, जीशान सिद्दीकी ने टीवी-9 से बात करते हुए कहा कि मैंने क्रॉस वोटिंग नहीं की है. मुझे प्रज्ञा सातव को वोट देने के लिए कहा गया था और मैंने दिया है.