कई बच्चों के लिए हॉस्टल जेल की तरह होता है. शायद ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वहां के अपने नियम कायदे होते हैं जो बच्चों को अनुशासन में रखने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, लेकिन बिहार के मुजफ्फरपुर का एक हॉस्टल वाकई में एक बच्चे के लिए जेल बन गया जहां उसे हॉस्टल की संचालिका ने अपहरण कर बंधक बनाकर रखा. मुजफ्फरपुर के एक हॉस्टल की संचालिका ने बच्चे की हॉस्टल फीस ना मिलने पर कुछ ऐसा किया जिसे जानकर हर कोई सहम गया.
हॉस्टल संचालिका ने फीस नहीं देने पर दूसरी क्लास में पढ़ने वाले एक बच्चे का अपहरण कर लिया. इतना ही नहीं आरोपी संचालिका ने बच्चे के पिता को फोन किया और उससे फरौती मांगी. पुलिस ने हॉस्टल संचालिका को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन आरोपी हॉस्टल संचालिका का बॉयफ्रेंड फरार है.
11 साल के मासूम का अपहरण
हॉस्टल के 40 हजार रुपये का बकाया वसूलने के लिए एक हास्टल की संचालिका ने दूसरी क्लास के बच्चे का अपहरण कर लिया. पीड़ित बच्चे का नाम प्रियांशु राज है. प्रियांशु दामोदरपुर बजरंगवाली चौक कग रहने वाला है. उसके पिता लक्ष्मी साह सब्जी विक्रेता हैं. आर्थिक तंगी के चलते कुछ दिन पहले लक्ष्मी ने प्रियांशु को हॉस्टल से निकाल लिया था. प्रियांशु पहले गन्नीपुर स्थित हॉस्टल में रहकर पढ़ता था. हॉस्टल में रहने और पढ़ने का बिल 40 हजार रुपये हो गया था. बच्चे के पिता लक्ष्मी बीमार पड़ गए थे इसलिए वह बिल नहीं दे पाए. संचालिका हर दिन बच्चे के माता-पिता को पैसे के लिए फोन करती थी.
फीस वसूलने के लिए किया अपहरण
एक दिन, हॉस्टल संचालिका अपने एक दोस्त और मौसेरे भाई के साथ लक्ष्मी साह के घर पहुंची. वहां से झांसा देकर बच्चे को उठा लिया और तीनों बाइक से बच्चे को लेकर फरार हो गए. प्रियांशु को अपहरण कर हॉस्टल में रखा गया. इसके बाद प्रियांशु के पिता को फोन कर बिल चुकता करने के लिए कहा गया. आरोपी संचालिका ने बच्चे के पिता को धमकी दी कि बच्चे को सकुशल वापस चाहते हो तो बकाये 40 हजार रुपए लेकर आओ.
पुलिस ने चार घंटे के अंदर सुलझाया मामला
इसके बाद बच्चे को गन्नीपुर स्थित हॉस्टल के एक कमरे में बंदकर बाहर से ताला लगा दिया गया. लक्ष्मी साह ने कांटी थाने में घटना की शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने जिस नंबर से कॉल आई थी उस मोबाइल को सर्विलांस पर रखकर होस्टल संचालिका के लोकेशन को ट्रेस करना शुरू किया. इसी क्रम में उसका लोकेशन गायघात मिला. पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर पीछा कर हॉस्टल संचालिका को गायघाट थाने से पहले पकड़ लिया. हालांकि महिला के दोनों साथी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए. हॉस्टल संचालिका की निशानदेही पर बच्चे को गन्नीपुर के हॉस्टल से सकुशल बरामद कर लिया गया. पूछताछ में हॉस्टल संचालिका ने बताया की प्रियांशु के पिता पर 40 हजार हॉस्टल की फीस बकाया थी, होस्टल से बेटे को निकालने के बाद भी पैसे नहीं दिए. इसी को लेकर विवाद चल रहा था. संचालिका ने बताया की बकाया रुपये वसूलने के लिए उसने बच्चे को अगवा किया था. पुलिस ने महज चार घंटों में बच्चे को बरामद कर लिया है.