जम्मू-कश्मीर के डोडा में बीती रात से आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ जारी है. जंगल में दोनों तरफ से लगातार फायरिंग हो रही है. एनकाउंटर में सेना के एक अधिकारी समेत 4 जवान शहीद हो गए हैं. जानकारी के मुताबिक एक से दो आतंकी जंगल में छिपे हो सकते हैं. सुरक्षाबलों ने इस पूरे इलाके को घेर लिया है और हेलीकॉप्टर की मदद से आतंकियों की तलाश की जा रही है. इस ऑपरेशन को सेना, पुलिस और CRPF की संयुक्त टीम अंजाम दे रही है.
जम्मू-कश्मीर में बीते कुछ महीनों में आतंकी हमले बढ़े हैं. इसे लेकर कांग्रेस भी हमलावर हो गई है और सीधे मोदी सरकार को घेर रही है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने X पर पोस्ट कर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने लिखा है कि जम्मू में पिछले 78 दिनों में 11 आतंकी हमले हुए हैं. उन्होंने कहा है कि “इस मामले में हमें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सामूहिक रूप से एक ज़ोरदार रिस्पांस देते हुए दिखना चाहिए.”
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे का सरकार पर आरोप
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी आतंकी हमलों को लेकर सरकार पर हमला बोला है. X पर किये गए अपने पोस्ट में खरगे ने लिखा है कि पिछले दिनों में जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमलों के मद्देनजर हमारी सुरक्षा रणनीति में सावधानीपूर्वक बदलाव की जरूरत है. उन्होंने मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा है कि, “मोदी सरकार ऐसे काम कर रही है जैसे सब कुछ सामान्य रूप से चल रहा है और कुछ भी नहीं बदला. लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि जम्मू क्षेत्र इन हमलों का खामियाजा तेजी से भुगत रहा है.” खरगे ने अपने पोस्ट में लिखा है कि एक राष्ट्र के रूप में हमें सामूहिक रूप से सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ लड़ना होगा. और कांग्रेस बहादुर सुरक्षाबलों के साथ मजबूती से खड़ी है.
राहुल और प्रियंका ने भी मोदी सरकार को घेरा
लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी जम्मू-कश्मीर में हो रहे आतंकी हमलों पर सरकार को घेरा है. राहुल ने कहा है कि एक के बाद एक ऐसी घटनाएं बेहद दुखद और चिंताजनक हैं. उन्होंने मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए X पर लिखा है कि “लगातार हो रहे ये आतंकी हमले जम्मू कश्मीर की जर्जर स्थिति बयान कर रहे हैं, बीजेपी की गलत नीतियों का खामियाज़ा हमारे जवान और उनके परिवार भुगत रहे हैं.” वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी आतंकी हमलों को लेकर सरकार से सवाल पूछा है. प्रियंका ने सवाल किया है कि “क्या देश के राजनीतिक नेतृत्व की भूमिका सिर्फ इतनी होनी चाहिए कि हर शहादत पर दुख जताकर मौन हो जाएं?” उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खात्मे के सरकारी दावों पर भी निशाना साधा है.
जम्मू में 78 दिन में 11 आतंकी हमले
- 28 अप्रैल को आतंकियों ने जम्मू के उधमपुर में एक गांव में फायरिंग कर दी थी, इस हमले में एक विलेज डिफेंस गार्ड घायल हुआ था, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी.
- 4 मई को पुंछ के शाहसितार इलाके में आतंकियों ने IAF के काफिले पर हमला कर दिया. इस हमले में एयरफोर्स के अफसर विक्की पहाड़े शहीद हो गए साथ ही 5 जवान घायल भी हुए.
- 9 जून को जब दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट का शपथ ग्रहण समारोह चल रहा था तब जम्मू के रियासी में आतंकियों ने श्रद्धालुओं से भरी बस को निशाना बनाया. शिवखोड़ी से कटरा जा रही बस पर आतंकियों ने 20-25 राउंड फायरिंग की. बस के ड्राइवर को गोली लगने से बस अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई, जिससे 9 श्रद्धालुओं की मौत हो गई.
- 11 जून को कठुआ के हीरानगर में हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 2 आतंकियों को मार गिराया. वहीं इस हमले में एक CRPF का जवान शहीद हो गया.
- आतंकी लगातार जम्मू के डोडा इलाके को निशाना बना रहे हैं. 11 जून को ही डोडा के चत्तरगाला चेकप्वाइंट पर आतंकियों ने हमला कर दिया. इस हमले में एक SPO समेत 5 जवान घायल हो गए.
- 12 जून को डोडा में चल रहे सर्च अभियान के दौरान आतंकियों ने फायरिंग की, इस हमले में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया.
- 26 जून को डोडा में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी, सेना ने गंडोह इलाके में 3 आतंकियों को मार गिराया, इसके बाद हुई मुठभेड़ में एक जवान घायल हो गया.
- 7 जुलाई को राजौरी में सेना के कैंप के पास आतंकी हमला हुआ. इस हमले में सेना का एक जवान घायल हो गया.
- 8 जुलाई को आतंकियों ने कठुआ में सेना के एक ट्रक को निशाना बनाया. इस हमले में सेना के 5 जवान शहीद हो गए वहीं 5 जवान घायल भी हुए. आतंकियों ने सेना के ट्रक पर पहले तो ग्रेनेड से हमला किया और फिर अंधाधुंध फायरिंग कर दी.
- 9 जुलाई को डोडा के जंगलों में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई. इस इलाके में 2-3 आतंकियों के छिपे होने की खबर थी, जिसके बाद सेना ने सर्च ऑपरेशन चलाया. इस दौरान आतंकियों ने सेना की सर्च टीम पर फायरिंग कर दी.
- 15 जुलाई को आतंकियों ने एक बार फिर जम्मू के डोडा इलाके को निशाना बनाया, बीती रात आतंकियों ने सेना के सर्च ऑपरेशन के दौरान फायरिंग कर दी. इस हमले में एक अधिकारी समेत 4 जवान शहीद हुए हैं.
आमतौर पर जम्मू को कश्मीर के मुकाबले शांत इलाका माना जाता रहा है. अनुच्छेद 370 हटने के बाद से सुरक्षाबलों ने कश्मीर में आतंकवाद का सफाया करने के लिए बड़े पैमाने पर ऑपरेशन चलाया. इस ऑपरेशन से बौखलाए आतंकी संगठनों ने अब अपनी स्ट्रैटजी बदल दी है, अब वो हिंदू बहुल क्षेत्र जम्मू को निशाना बना रहे हैं. बीते 78 दिनों में हुए 11 आतंकी हमले इस बात को पुख्ता करते हैं कि आतंकी जम्मू को निशाना बनाकर इस इलाके में अशांति फैलाने की साज़िश कर रहे हैं.
जम्मू को निशाना क्यों बना रहे आतंकी?
जम्मू कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद्य का कहना है कि इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि इस पूरे मामले में पाकिस्तान और चीन की मिलीभगत हो. दरअसल लद्दाख में इंडो-चाइना बॉर्डर और कश्मीर में जिस तरह से सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाला है, उससे पाकिस्तान और चीन दोनों ही बैकफुट पर हैं. लिहाजा पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठन चाहते हैं कि इस पूरे दबाव को जम्मू की ओर शिफ्ट किया जाए.
एसपी वैद्य के मुताबिक जम्मू का इलाका आतंकियों के लिए उपयुक्त है क्योंकि ये पहाड़ी इलाका है जो कि घने जंगलों से पटा पड़ा है, वहीं इस इलाके में रोड कनेक्टिविटी भी ज्यादा बेहतर नहीं है. ऐसे में जब कोई आतंकी हमला होता है तो अतिरिक्त फोर्स को पहुंचने में समय लग जाता है. वहीं आतंकी घने जंगलों का फायदा उठाकर भाग निकलने में कामयाब हो जाते हैं.
370 हटने के बाद कश्मीर में बैकफुट पर आतंकी
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से आतंकी हमलों में कमी आई है. बीते 5 साल की बात करें तो सेना ने 700 से ज्यादा आतंकी मार गिराए हैं. वर्ष 2020 में सुरक्षाबलों ने 221 आतंकी ढेर कर दिए, वहीं 2021 में 180 आतंकी मारे गए. इसके अलावा 2022 में 193 आतंकियों का सफाया कर दिया गया तो वहीं 2023 में कुल 87 आतंकी मारे गए. इसके अलावा इस साल 13 जुलाई तक 27 आतंकी मारे जा चुके हैं.