हरियाणा के महेंद्रगढ़ में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बीजेपी का चुनावी बिगुल फूंका. 23 मिनट के अपने भाषण में शाह ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के साथ-साथ हरियाणा विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष भूपिंदर सिंह हुड्डा पर भी निशाना साधा. शाह ने कहा कि कांग्रेस की सरकार जिला देखकर काम करती थी, लेकिन हम संपूर्ण हरियाणा का विकास कर रहे हैं.
शाह ने भूपिंदर हुड्डा के हिसाब मांगो अभियान पर भी तंज कसा और कहा कि मैं बनिया का बेटा हूं. पाई-पाई का हिसाब रखता हूं. बीजेपी का एक-एक कार्यकर्ता जनता को अपना हिसाब देने के लिए तैयार है. रैली में अमित शाह ने और क्या-क्या कहा, पढ़िए…
1. कांग्रेस ने ओबीसी के आरक्षण में रोड़ा अटकाया
गृहमंत्री ने अपने संबोधन में कहा- साल 1957 में काका साहेब कालेलकर की अध्यक्षता में एक कमीशन का गठन हुआ था. इस कमीशन का मकसद पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिलाने का था, लेकिन ओल्ड ग्रैंड पार्टी इस पर पलथी मारकर बैठी रही.
कांग्रेस ने अगर इसे नहीं रोका होता, तो आज देश में पिछड़ों की स्थिति कुछ और होती. इतन ही नहीं, 1980 में इंदिरा गांधी ने मंडल कमीशन की सिफारिश को लागू नहीं होने दिया, जब 1990 में इसे लागू किया गया, तब राजीव गांधी ने इसका विरोध किया.
शाह ने कहा कि कांग्रेस के लोग आज ओबीसी समुदाय का हितैषी बनने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जनता इनके चेहरे को पहचानती है.
2. हुड्डा परिवारवाद और भ्रष्टाचार का हिसाब दे सकते हैं?
अमित शाह के मुताबिक कांग्रेस के नेताओं को न तो विकास पर बात करनी चाहिए और न ही इसका हिसाब मांगना चाहिए. महेंद्रगढ़ की रैली में शाह ने कहा कि हुड्डा साहब आप तो सिर्फ परिवारवाद और भ्रष्टाचार का हिसाब दे सकते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि जब हुड्डा साहब सरकार में थे, तब हर दिन भ्रष्टाचार के मामले आ रहे थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. एनडीए की सरकार ने यूपीए की सरकार की तुलना में हरियाणा को 6 गुना ज्यादा पैसा दिया है. कांग्रेस सिर्फ जाति की राजनीति करती है.
3. कांग्रेस के मुख्यमंत्री सिर्फ अपने जिले का काम करते थे
शाह ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि जब कांग्रेस से कोई मुख्यमंत्री बनते थे, तब वो सिर्फ अपने जिले का काम करते थे. हमारी सरकार में ऐसा नहीं है. मुख्यमंत्री कोई बने, उसका ध्येय संपूर्ण हरियाणा का विकास करना है.
उन्होंने आगे कहा कि मैं एक और बात आपको याद दिलाना चाहता हूं. हरियाणा में अगर कांग्रेस की सरकार आई तो आपका आरक्षण छीनकर मुसलमानों को दे देगी, इसलिए आप इन लोगों से बचकर रहना.
शाह ने इस दौरान ओबीसी को पंचायत और म्यूनिसपल इलेक्शन में मिलने वाले आरक्षण का भी जिक्र किया.
हरियाणा में इसी साल होने हैं विधानसभा के चुनाव
दिल्ला से लगे हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों के लिए इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं. यहां पर 2014 से ही कांग्रेस का शासन है. बीजेपी फिर से दलित, ओबीसी और सवर्ण को साधकर राज्य की सत्ता में आने की कवायद में जुटी है. हरियाणा में ओबीसी समुदाय की आबादी करीब 42 प्रतिशत है.
राज्य में सवर्ण समुदाय की 12 प्रतिशत आबादी है. इसके अलावा दलित करीब 21 और मुसलमान 4 प्रतिशत हैं.