भोपाल। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत प्रदेश के करीब 26 हजार निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब एवं वंचित वर्ग के बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा दी जाती है। इनकी फीस का भुगतान शासन की ओर से स्कूलों को किया जाता है।
एक बच्चे के लिए करीब साढ़े पांच हजार रुपये निजी स्कूल को दिया जाता है। इसमें कई स्कूल विभाग ने अधिक फीस की मांग कर रहे हैं। वहीं कुछ स्कूलों की फीस कम है, लेकिन वे भी बराबर शुल्क लेते हैं।इसे देखते हुए राज्य शिक्षा ने स्कूलों से सत्र 2023-24 का फीस स्ट्रक्चर व बच्चों से ली जाने वाली फीस की रसीद मांगी है।
भौतिक सत्यापन के बाद जारी होगी राशि
जारी आदेश में निर्देशित किया गया कि आरटीई के तहत बच्चों को शासन की ओर से दी जाने वाली राशि नोडल अधिकारी के भौतिक सत्यापन के बाद दिया जाएगा। जिला परियोजना समन्वयक की ओर से निरीक्षण के बाद स्कूल को राशि स्वीकृत की जाएगी।
निजी स्कूलों द्वारा बच्चों का नया फोटो अपलोड किया जाए। कक्षा नर्सरी से केजी-2 के विद्यार्थियों का आधार सत्यापन,बायोमीट्रिक सत्यापन,विद्यार्थियों की उपस्थिति की जानकारी भी दी जाए।
स्कूलों को प्रत्येक कक्षा की फीस की एक-एक रसीद अपलोड करनी है
निर्देश दिए गए हैं कि स्कूल द्वारा अन्य बच्चों से ली जाने वाली वार्षिक फीस का विवरण स्कूल द्वारा दर्ज किया जाए एवं स्कूल का कक्षावार फीस स्ट्रक्चर भी अपलोड किया जाना अनिवार्य है। सत्र 2023-24 का फीस स्ट्रक्चर और अन्य बच्चों से ली जाने वाली प्रत्येक कक्षा की फीस की एक-एक रसीद की पीडीएफ फाइल बनाकर पोर्टल पर अपलोड किया जाना अनिवार्य है।
स्कूल द्वारा दर्ज की गई जानकारी एवं अपलोड फीस स्ट्रक्चर में समानता होना अनिवार्य है। यदि स्कूल द्वारा गलत या निर्धारित फीस से अधिक दर्ज की जाती है तो स्कूल के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।