होम मध्य प्रदेश भोपाल Slide slide_3 Slide slide_4 Slide slide_1 उज्जैन सिंहस्थ के लिए मध्य प्रदेश ने केंद्र से मांगा 20 हजार करोड़ रुपये का विशेष पैकेज
भोपाल। उज्जैन में साल 2028 में होने वाले सिंहस्थ की तैयारी में मोहन सरकार जुट गई है। इसके लिए राज्य के बजट में आधारभूत संरचनाओं के निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। वहीं, केंद्र सरकार से बीस हजार करोड़ रुपये का विशेष पैकेज मांगा गया है ताकि सभी महत्वपूर्ण काम समय से पूरे हो जाएं। इसमें अधोसंरचना विकास के काम सर्वाधिक हैं, जिन्हें पूरा होने में समय लगता है।
देश-विदेश से आते हैं श्रद्धालु
वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राज्य के बजट से तो सिंहस्थ की तैयारियों के लिए व्यवस्था की ही जा रही है, इसे और गति देने के लिए केंद्र सरकार से विशेष पैकेज मांगा गया है। दरअसल, सिंहस्थ में देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
महाकाल लोक बनने के बाद पर्यटकों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। संभावना जताई जा रही है कि इस बार सिंहस्थ में श्रद्धालुओं के आने के सभी रिकॉर्ड टूट जाएंगे। इसे देखते हुए अधोसंरचना विकास के कामों को प्राथमिकता में लिया गया है।
इंदौर-उज्जैन मार्ग पर काम
मेला क्षेत्र के दस जिलों में आधारभूत संरचनाओं को विकसित करने नगरीय विकास एवं आवास विभाग को पांच सौ करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। लोक निर्माण विभाग एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत से इंदौर-उज्जैन मार्ग को बना रहा है।
घाटों का विकास किया जाना है तो प्रदूषित जल के क्षिप्रा में मिलने से रोकने के लिए भी परियोजना तैयार की गई हैं। इन सभी कामों को देखते हुए केंद्र सरकार से बीस हजार करोड़ रुपये का विशेष पैकेज वर्ष 2024-2025 के बजट में मांगा गया है। उप मुख्यमंत्री वित्त जगदीश देवड़ा इसका प्रस्ताव केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को दे चुके हैं।
शिप्रा नदी को बनाएंगे निर्मल
शिप्रा को निर्मल बनाने इंदौर, उज्जैन, देवास और आलोट का बनेगा एसटीपी- सिंहस्थ से पहले क्षिप्रा नदी को निर्मल बनाने के लिए इंदौर, उज्जैन, देवास और आलोट का एसटीपी (सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान) बनाएगा।
एनएमसीजी (नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा) और अमृत-1 और अमृत-2 के तहत नदियों को निर्मल बनाया जाएगा। जून 2027 तक नदियों को निर्मल बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
12 विभागों के अधिकारियों की बनाई टास्क फोर्स
सिंहस्थ से जुड़े कामों को गति देने और उनकी निगरानी के लिए सरकार ने 12 विभाग के अधिकारियों की टास्क फोर्स बनाई है। इसमें लोक निर्माण, राजस्व, नगरीय विकास, लोक स्वास्थ्य यांत्रिक, जल संसाधन, गृह, ऊर्जा, स्वास्थ्य, परिवहन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, वित्त, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव शामिल है।