दिल्ली में कोचिंग हादसे के बाद सरकार और एलजी ऑफिस आमने-सामने है. दिल्ली सरकार शहर की बदहाल व्यवस्था के लिए उपराज्यपाल को जिम्मेदार ठहरा रहा है तो दूसरी ओर अब एलजी वीके सक्सेना खुद मोर्चा संभाल लिए हैं. रविवार को उपराज्यपाल बारापुला, कुशक और सुनहरी नालों का निरीक्षण करने निकले थे. निरीक्षण के दौरान नालों की जो स्थिति उन्होंने देखा उसको सोशल मीडिया पर शेयर भी किया.
दिल्ली के एलजी ने बताया कि आज बारापुला, कुशक और सुनहरी ड्रेनके साथ-साथ निजामुद्दीन में ऐतिहासिक बारापुला पुल का दौरा और निरीक्षण किया. इस दौरान जो जमीनी हकीकत देखने को मिली है वो भयावह होने के साथ-साथ शर्मनाक भी है. बारिश के पानी के सुचारू प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए तत्काल सुधारात्मक उपायों की आवश्यकता है.
तीनों नाले आई एंड एफसीडी और एमसीडी के अधीन
उन्होंने कहा कि ये तीन नाले सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग और एमसीडी के अधीन हैं. ये नाले बारिश के पानी को यमुना में ले जाते हैं, लेकिन सालों से इनकी गाद और गंदगी नहीं निकाली गई है. एलजी की ओर से जो तस्वीर शेयर की है कि उसमें भी नाले चोक नजर आ रहे हैं. एलजी की ओर से कई तस्वीरें शेयर की गई हैं.
पहली बारिश में तीन छात्रों की मौत
इस बार के मानसून में दिल्ली में अभी तक दो दिन कुछ घंटे के लिए भारी बारिश हुई है. दोनों ही बार जलभराव की वजह से जनहानि हुई है. पहला मामला ओल्ड राजेंद्र नगर का है. जहां 27 जुलाई हुई बारिश के बाद एक कोचिंग के बेसमेंट में पानी भर गया. स्थिति ये गई कि घटना में तीन छात्रों की मौत हो गई.
दूसरी बारिश में मां और बच्चे की मौत
इसके बाद 31 जुलाई को राजधानी में एक बार फिर से भारी बारिश हुई. शहर के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई. मयूर विहार फेज-3 इलाके में जलभराव होने के बाद एक मां और बच्चे की नाले में डूबने से मौत हो गई. इन दोनों घटनाओं ने दिल्ली में व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी.