जालसाज कथावाचक एक पूर्व कलेक्टर को भी फंसा चुका है…सिफारिश पर बनवा लिए थे हथियार लाइसेंस, जिन अफसरों से नजदीकी उनमें घबराहट
ग्वालियर। डीजीपी सुधीर सक्सेना को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का निज सचिव बनकर दो निरीक्षकों के तबादले के लिए फोन और मैसेज करने वाला जालसाज कथावाचक पुष्पेंद्र शास्त्री उर्फ पुष्पेंद्र दीक्षित ग्वालियर के एक पूर्व कलेक्टर को भी फंसा चुका है। उसने पूर्व कलेक्टर को अपनी बातों में फंसाकर हथियार लाइसेंस तक बनवाए थे।
जालसाज कथावाचक की सिफारिश पर हथियार का लाइसेंस बनाने वाले पूर्व कलेक्टर उसे सर कहकर संबोधित करते थे, क्योंकि जालसाज कथावाचक ने अपना दायरा ही ऐसा बना रखा था। जालसाज कथावाचक के पकड़े जाने के बाद अब प्रदेश के उन पुलिस और प्रशासनिक अफसरों में घबराहट है,जिनके घर, दफ्तर में उसका आना-जाना था।
- जालसाज कथावाचक और प्रदेश के कई पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के फोटो सरकारी विभागों में अधिकारी व कर्मचारी आपस में साझा कर रहे हैं।
- पूर्व कलेक्टर से उसने सिफारिश कर लाइसेंस बनवाए। इसके अलावा ग्वालियर में ही पदस्थ रहे कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के दफ्तर व घर पर वह आ चुका है। इससे पूरे प्रदेश में वरिष्ठ अधिकारियों में खलबली मची रही।
- ग्वालियर में पदस्थ रहे एक सीनियर आईपीएस के घर उसने अनुष्ठान किया था, इसके फोटो और वीडियो जालसाज कथावाचक ने खुद ही इंटरनेट मीडिया पर अपलोड किए थे।
ग्वालियर में पदस्थ रहे टीआई का बालाघाट तबादला रुकवाया था
पुलिस महकमे में जालसाज कथावाचक की खूब चर्चा रही। उसने ग्वालियर और आसपास के जिलों में पदस्थ रहे एक टीआई का बालाघाट तबादला रुकवाया था। टीआई का बालाघाट पदस्थापना वाला समय आ रहा था, इसे उसने आगे बढ़वा दिया था। इसके बाद टीआई को बालाघाट नहीं भेजा गया था।
पहली मुलाकात में ही देश के दिग्गजों से करता था शुरुआत, फिर फेंकता था तबादले का जाल
आरोपित जालसाज जब भी किसी पुलिस या प्रशासनिक अधिकारी से मिलता था तो पहली मुलाकात में ही देश की दिग्गज हस्तियों के यहां अनुष्ठान करने की जानकारी देता था। इसके बाद साथ के फोटो दिखाता था। वह बातों के मायाजाल में फंसा लेता था। फोटो और वीडियो देखकर अधिकारियों को यकीन हो जाता था कि उसके बड़े संपर्क हैं। इसके बाद वह तबादले का जाल फेंकता था।
पुलिस हिरासत में बोल रहा- डीजीपी साहब से बात करा दो, माफी मांग लूंगा
आरोपित जालसाज पुलिस हिरासत में है। उसे तीन दिन की रिमांड पर लिया गया है। जो पुलिस अधिकारी उससे पूछताछ कर रहे हैं, उनसे बार-बार कह रहा है कि डीजीपी साहब से बात करा दो, माफी मांग लूंगा। मैंने पहली बार किया था, उसमें ही फंस गया।
पांच मोबाइल में आदिवासी युवक के नाम की फर्जी सिम से करता था फर्जीवाड़ा
आरोपित फर्जी सिम का इस्तेमाल जालसाजी के लिए करता था। उसने जंडेल आदिवासी के नाम से फर्जी सिम ले रखी थी। पांच मोबाइल मिले हैं। इन मोबाइल में डाटा री-स्टोर के लिए साइबर फोरेंसिक लैब भेजे गए हैं।