सूर्य को सभी नौ ग्रहों का राजा का राजा माना जाता है, इसीलिये इनका स्थान सभी ग्रहों के बीच में रखा गया है. रविवार के दिन सप्तमी तिथि होने से भानु सप्तमी का योग बनता है. इस दिन को सूर्य सप्तमी या वैवस्वतमा सप्तमी के नाम में भी जाना जाता है. सावन महीने में ये योग सूर्य पूजा के लिए बेहद खास माना जाता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस योग में सूर्य की पूजा करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है.
भानु सप्तमी तिथि और मुहूर्त (Bhanu saptami Date and Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 11 अगस्त को सुबह 05 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी. उदय तिथि के अनुसार 11 अगस्त को भानु सप्तमी मनाई जाएगी.
भानु सप्तमी पूजा सामग्री (Bhanu saptami puja samagri)
भानु सप्तमी की पूजा करने के लिए लाल चंदन, लाल फूल, चावल और कुछ गेहूं के दाने, धूप, नैवेद्य, कपूर और गाय का घी एकट्ठा कर लें.
भानु सप्तमी पूजा विधि (Bhanu saptami pooja vidhi)
भानु स्पतमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नहाने के बाद तांबे के लोटे में शुद्धजल भर लें. उसके साथ ही लोटे में लाल चंदन, लाल फूल, चावल और कुछ गेहूं के दाने भी डाल लें. ऊं घृणि सूर्याय नम: मंत्र बोलें और उगते हुए सूरज को इस लोटे का जल चढ़ाएं. इसके बाद भगवान भास्कर को नमस्कार करें. इसके अलावा भगवान सूर्य के 12 नामों का जाप भी कर सकते हैं. यदि व्रत रखना चाहते हैं तो सूर्य के सामने बैठकर दिनभर बिना नमक का व्रत करने का संकल्प लें.
बन रहें यह शुभ योग (Bhanu saptami shubh yog)
ज्योतिष के अनुसार, इस बार सावन की भानु स्पतमी पर कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं. इस दिन दोपहर 03 बजकर 49 मिनट तक शुभ योग का निर्माण हो रहा है. इसके बाद शुक्ल योग का संयोग है. इस दिन स्वाति नक्षत्र का निर्माण हो रहा है. वहीं, गर और वणिज करण का भी संयोग हैं.
भानु सप्तमी का महत्व (Significance of Bhanu Saptami)
भानु सप्तमी पर सूर्य देव को प्रसन्न करने पर विशेष लाभ मिलता है. यदि आप इस दिन व्रत रखते हैं, तो आपके माता-पिता की लंबी आयु होती है. अगर उन्हे कोई लंबे समय से बीमार है तो उसे बीमारी से छुटकारा मिलता है. इस दिन सूर्य देव को जल अर्पित करने से बुद्धि व व्यक्तित्व का विकास होता है.
भानु सप्तमी पर दान-पुण्य करने से घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होगी. इस दिन सच्चे मन से सूर्य आराधना करने वाले जातकों के सभी सांसारिक कष्ट दूर होते हैं, और मरणोपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है.इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना भी बहुत शुभ माना जाता है.