कांग्रेस ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर “हर घर तिरंगा” अभियान के लिए लोगों से की गई अपील पर कटाक्ष करते हुए आरोप लगाया कि वह एक ऐसे राष्ट्रीय प्रतीक को हथियाने का प्रयास कर रहे हैं, जिसे “उनके वैचारिक रिश्तेदारों ने लंबे समय से नकार दिया है.”
पीएम मोदी के “हर घर तिरंगा” अभियान पर कांग्रेस महासचिव प्रभारी संचार जयराम रमेश ने एक्स पर कहा कि वह “तिरंगा के साथ आरएसएस के संबंधों का संक्षिप्त इतिहास” है.
जयराम रमेश ने आरएसएस पर साधा निशाना
जयराम रमेश ने आरएसएस पर हमला बोलते हुए कहा कि दूसरे प्रमुख एमएस गोलवलकर की पुस्तक बंच ऑफ थॉट्स में तिरंग को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाने के कांग्रेस के फैसले की आलोचना की थी और इसे ‘सांप्रदायिक’ और ‘बहिष्कार और नकल का मामला’ बताया था.
उन्होंने कहा कि आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर ने 1947 में लिखा था कि तिरंगे का ‘हिंदुओं द्वारा कभी सम्मान नहीं किया जाएगा और न ही इसे अपनाया जाएगा. तीन शब्द अपने आप में एक बुराई है और तीन रंगों वाला झंडा निश्चित रूप से बहुत बुरा मनोवैज्ञानिक प्रभाव पैदा करेगा और देश के लिए हानिकारक है.
रमेश ने आगे कहा कि 2015 में आरएसएस ने कहा था कि “राष्ट्रीय ध्वज पर भगवा ही एकमात्र रंग होना चाहिए क्योंकि अन्य रंग सांप्रदायिक विचार का प्रतिनिधित्व करते हैं.”
तिरंगे को अपनाने पर की थी आलोचना
उन्होंने कहा, “आरएसएस ने 2001 तक अपने मुख्यालय में नियमित रूप से तिरंगा नहीं फहराया, जब तीन युवकों ने जबरन इसके परिसर में झंडा फहराया, जो एक “अपराध” था जिसके लिए उन पर मामला दर्ज किया गया था.” उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “गैर-जैविक प्रधानमंत्री इस राष्ट्रीय प्रतीक को हड़पने का प्रयास कर रहे हैं, जिसे उनके वैचारिक रिश्तेदारों ने लंबे समय से नकार दिया है.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के करीब आते ही, आइए हम फिर से हर घर तिरंगा को एक यादगार जन आंदोलन बनाएं. वह अपनी प्रोफाइल तस्वीर बदल रहे हैं और वह सभी से भी ऐसा करके तिरंगे का जश्न मनाने में उनका साथ देने का आग्रह करते हैं.