उज्जैन, मध्य प्रदेश के महाकालेश्वर मंदिर में सावन माह के चौथे सोमवार के अवसर पर भस्म आरती का आयोजन हुआ। यह आरती भगवान शिव के प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन और पूजा के लिए प्रसिद्ध है। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान महाकालेश्वर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और भस्म आरती का महत्व अधिक होता है।
भस्म आरती महाकालेश्वर मंदिर की एक अनूठी और विशेष आरती है, जिसमें भस्म (राख) का प्रयोग किया जाता है। इस आरती को ब्रह्म मुहूर्त में, यानी सुबह-सुबह, भगवान महाकाल को जगाने और उनकी पूजा के रूप में किया जाता है। भस्म आरती के दौरान, भगवान महाकाल को चंदन, भस्म, और फूलों से सजाया जाता है और विशेष मंत्रों का उच्चारण किया जाता है।
सावन के महीने में श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ जाती है, और चौथे सोमवार को भी बड़ी संख्या में भक्तों ने महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती का दर्शन किया। इस दौरान मंदिर में विशेष सुरक्षा और व्यवस्था की जाती है ताकि सभी भक्त सुरक्षित और सुचारू रूप से दर्शन कर सकें।
महाकालेश्वर मंदिर का यह अनूठा संस्कार न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अद्वितीय परंपराओं और शिव भक्ति की गहराई को भी दर्शाता है।