सरकारी जैसी बना दी फर्जी वेबसाइट… महाराष्ट्र के डेवलपमेंट अथॉरिटी में मचा हड़कंप, साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज
महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) ने 2030 फ्लैट्स की लॉटरी योजना लांच किया है. इस योजना के तहत म्हाडा ने वेबसाइट पर ही आवेदन करने और लॉटरी में भाग लेने की सुविधा दी है. हालांकि इस सुविधा का नाजायज लाभ जालसाज उठाने लगे हैं. जालसाजों ने म्हाडा की वेबसाइट से मिलती जुलती दूसरी वेबसाइट बना ली है और जो लोग गलती से इस वेबसाइट पर आ रहे हैं, उनके साथ सिक्योरिटी राशि के तौर पर कम से कम 50 हजार रुपये की ठगी कर रहे हैं.
इसकी जानकारी होने के बाद म्हाडा के अधिकारियों ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है. मुंबई पुलिस ने शिकायत के आधार पर अज्ञात जालसाजों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है. म्हाडा के अधिकारियों के मुताबिक विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://mhada.gov.in है. म्हाडा के सीईओ संजीव जायसवाल के मुताबिक फ्लैट्स के लिए आवेदन केवल वेबसाइट के जरिए ही दाखिल होंगे. हालांकि इसमें आवेदन के समय किसी तरह की कोई सिक्योरिटी राशि नहीं मांगी गई है.
मिलती जुलती साइट से ठगी
जबकि इसी से मिलती जुलती जो दूसरी और फर्जी वेबसाइट बनी है, वो mhada.org के नाम से है. इस वेबसाइट पर आवेदन के वक्त ही 50 हजार रुपये बतौर सिक्योरिटी जमा कराया जा रहा है. म्हाडा के सीईओ के मुताबिक चूंकि यह वेबसाइट अथारिटी की असली वेबसाइट से बिलकुल मिलती जुलती है, इसलिए लोग सहज ही झांसे में आ जा रहे हैं. उधर, पता चला है कि कई लोगों ने इस फर्जी वेबसाइट के झांसे में आकर आवेदन करते हुए रुपयों को भुगतान भी कर दिया है और अब म्हाडा कार्यालय में पूछताछ करने आ रहे हैं. इसकी जानकारी होने के बाद म्हाडा की ओर से अज्ञात लोगों के खिलाफ साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई गई है.
लोगों से की सतर्क रहने की अपील
उन्होंने लोगों से सतर्क रहने और ठगी से बचने की अपील की है. मामले की जांच के दौरान पता चला है कि जो लोग फर्जी वेबसाइट पर 50 हजार रुपये देकर आवेदन कर रहे हैं, उन्हें एक रसीद भी दी जा रही है. म्हाडा के सीईओ के मुताबिक आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह से सुरक्षित है और आवेदकों का रजिस्ट्रेशन फ्री है. इसमें आवेदन करते समय दस्तावेज अपलोड करने होते हैं. इन दस्तावेजों की जांच होती है और सबकुछ ठीक होने के बाद ही आवेदन को लॉटरी के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाता है. इसके बाद ही सिक्योरिटी राशि जमा करने का विकल्प खुलता है.