मोहम्मद शमी भारत के सबसे सफल गेंदबाजों में से एक हैं. मौजूदा समय में वो जसप्रीत बुमराह के साथ भारतीय पेस अटैक को लीड करते हैं. नवंबर के महीने में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए जाना है. ऐसे में उनका टीम में होना बेहद जरूरी है. शमी की मौजूदगी केवल ऑस्ट्रेलिया में जीत की हैट्रिक लगाने के लिए ही नहीं बल्कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल तक पहुंचने के लिए भी अहम है. वो 2023 के नवंबर में हुए वनडे वर्ल्ड कप के बाद से नहीं खेल सके हैं. टखने की इंजरी के बाद उन्हें सर्जरी करानी पड़ी थी. करीब 9 महीने बाद वो एक बार फिर वापसी की तैयारी कर रहे हैं. बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज से उन्हें कमबैक करना था, लेकिन अब इसमें देरी हो सकती है.
शमी की वापसी में क्यों हो रही देरी?
मोहम्मद शमी जल्द से जल्द भारतीय टीम में लौटने के लिए फिलहाल जमकर पसीना बहा रहे हैं. अटकलें लगाई जा रही थी कि 19 सितंबर से होने वाले बांग्लादेश टेस्ट सीरीज में वो खेलेंगे. लेकिन इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सेलेक्टर्स उन्हें टीम में लाने की जल्दबाजी नहीं करना चाहते हैं. शमी टीम के लिए काफी अहमियत रखते हैं. इसलिए सेलेक्टर्स उन्हें लंबे समय तक लिए फिट देखना चाहते हैं.
यही कारण है कि अब वो उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट में बांग्लादेश की बजाय 16 अक्टूबर से होने वाले न्यूजीलैंड सीरीज में खिलाने की सोच रहे हैं. हालांकि, इससे पहले 11 अक्टूबर को वो रणजी ट्रॉफी में बंगाल की तरफ से ओपनिंग मुकाबला खेलते हुए नजर आ सकते हैं. इससे उनकी मैच फिटनेस का भी अंदाजा लग जाएगा.
NCA में मौजूद शमी
मोहम्मद शमी इंजरी के बाद इसी साल फरवरी में उन्होंने सर्जरी कराई थी. इसके बाद से उन्होंने कुछ समय घर पर ही बिताया. अब वो बेंगलुरु में मौजूद नेशनल क्रिकेट एकेडमी (NCA) में रिहैब कर रहे हैं. NCA में रहते हुए उन्होंने फिटनेस पर काफी काम किया है और मैनेजमेंट इससे काफी संतुष्ट भी है. लेकिन शमी की उम्र और उनकी पिछली चोट को ध्यान में रखते हुए वर्कलोड को मैनेज किया जा रहा है. जसप्रीत बुमराह भी जब चोटिल हुए थे, तब उन्हें भी करीब 1.5 साल बाद NCA में रिहैब के बाद टीम में लाया गया था.