जब से UPI यानी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस फीचर आया है तब से हम सभी की जिंदगी में कई काम काफी आसान हो गए हैं. अब सरकार ने डिजिटल पेमेंट को और भी ज्यादा बूस्ट करने के लिए यूपीआई में एक नए फीचर को जोड़ दिया है. NPCI (नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) ने लोगों की सुविधा के लिए UPI Circle Feature को शुरू किया है, इस नए फीचर के आने से उन लोगों को काफी राहत मिलेगी जो शेयरिंग इज केयरिंग पर भरोसा करते हैं.
आज भी आप लोगों को बहुत से लोग ऐसे मिल जाएंगे जिनके घर में बुजुर्गों, बच्चों और घर में रहने वाली महिलाओं के पास बैंक अकाउंट तक नहीं है. ऐसे में ये सभी लोग पेमेंट के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं, UPI Circle फीचर ऐसे ही लोगों की मदद के लिए लाया गया है. क्या है ये फीचर और किस तरह से आपकी मदद करेगा, आइए जानते हैं.
UPI Circle Feature क्या है और कैसे मिलेगा आपको फायदा?
यूपीआई सर्कल फीचर आने से अब आप अगर चाहें तो आपके यूपीआई से आपके घर-परिवार वाले लोग भी जुड़ पाएंगे. यूपीआई सर्कल एक डेलीगेटेड पेमेंट सिस्टम है जिससे कि अब अगर आप चाहें तो अपनी प्राइमरी यूपीआई को दूसरों के साथ शेयर कर पाएंगे. इसका मतलब कि इस फीचर के आने से अब प्राइमरी अकाउंट होल्डर सर्कल से जुड़ने वाले दूसरे सेकेंडरी यूजर्स को कंट्रोल कर पाएगा, इसके अलावा इस फीचर में दो तरह के डेलीगेशन हैं, फुल और पार्शियल.
Full Delegation का मतलब यह है कि सेकेंडरी यूजर को एक लिमिट तक हर पेमेंट के लिए प्राइमरी अकाउंट होल्डर की परमिशन की जरूरत नहीं होगी. वहीं, Partial Delegation में सेकेंडरी यूजर पेमेंट रिक्वेस्ट भेज पाएगा और ये पेमेंट तब तक पूरी नहीं होगी जब तक प्राइमरी अकाउंट होल्डर पेमेंट को अप्रूव नहीं कर देता, ट्रांजैक्शन के लिए UPI PIN की जरूरत पड़ती है.
NPCI के मुताबिक, यूजर्स अपनी पसंद का कोई भी यूपीआई ऐप इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन इस फीचर को इस्तेमाल करने के लिए सभी सेकेंडरी यूजर्स को जो भी ऐप वो इस्तेमाल कर रहे हैं उसमें बायोमेट्रिक या पासकोड ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करना होगा. फुल डेलीगेशन में हर व्यक्ति को 15 हजार रुपये प्रति माह की लिमिट मिलेगी, लेकिन एक बार में 15 हजार खर्च नहीं कर पाएंगे. एक बार में केवल 5 हजार रुपये ही खर्च कर पाएंगे.
UPI Circle Feature Enable: कैसे करें यूज?
अगर प्राइमरी यूजर सेकेंडरी यूजर्स के लिए इस फीचर को एक्टिवेट करना चाहते हैं तो उन्हें पहले सेकेंडरी यूजर के क्यूआर कोड को स्कैन या फिर यूपीआई आईडी को दर्ज करना होगा. इसके बाद डेलीगेट प्रोसेस शुरू होगा और आपसे पूछा जाएगा कि आपको सेकेंडरी यूजर को कौन सा कंट्रोल देना है, फुल या फिर पार्शियल. फिलहाल ये फीचर अभी यूजर्स के लिए उपलब्ध नहीं है, लेकिन जल्द इस फीचर को रोलआउट किया जाएगा.