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अब तक 32 मौतें…क्या है डीप डिप्रेशन जिससे गुजरात में आई बाढ़ ने मचाई तबाही? 48 साल बाद जमीन से समुद्र की तरफ बढ़ा तूफान

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गुजरात पिछले एक सप्ताह से जारी भारी बारिश के कारण भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है. केवल चार दिनों में बारिश जनित दुर्घटनाओं में 32 लोगों की जान जा चुकी है. 1200 से अधिक को बचाया गया, जबकि बाढ़ वाले इलाकों से 18 हजार से ज्यादा लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. इतनी तबाही का कारण अरब सागर में बना डीप डिप्रेशन रहा, जिसके कारण गुजरात में चक्रवाती तूफान असना की आशंका जताई जा रही थी, जिसका खतरा टल गया है. आइए जान लेते हैं कि आखिर डीप डिप्रेशन है क्या, जिससे गुजरात में बाढ़ आ गई.

मौसम विभाग ने ऐसे किया है परिभाषित

मौसम विभाग की वेबसाइट पर मौसम विज्ञान से संबंधित शब्दों को परिभाषित किया गया है. इसमें बताया गया है कि मौसम में किसी चक्रवाती अशांति के कारण जब सतह पर 17 से 33 नॉट (31 से 61 किमी प्रति घंटा) की रफ्तार से हवा चलती है तो इसे डिप्रेशन कहा जाता है. अगर हवा की अधिकतम गति 28 नाट यानी 50 किमी प्रति घंटे से 33 नॉट यानी 61 किमी प्रति घंटे के बीच पहुंच जाए तो ऐसे सिस्टम को डीप डिप्रेशन (गहरा अवदाब) कहा जाता है.

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कच्छ और सौराष्ट्र रहे सबसे ज्यादा प्रभावित

इसी डीप डिप्रेशन के कारण गुजरात के कई हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ ने भीषण तबाही मचाई है. इसके चलते पूर्व-मध्य गुजरात में 105 फीसद से अधिक बारिश दर्ज की गई. उत्तरी गुजरात में औसत रूप से 87 प्रतिशत बारिश हुई. वहीं, क्षेत्रवार आकलन करें तो कच्छ में सबसे ज्यादा 177 फीसद बारिश दर्ज हुई. सौराष्ट्र में 124 प्रतिशत से अधिक और दक्षिण गुजरात में 111 प्रतिशत से ज्यादा बारिश हुई. चूंकि डीप डिप्रेशन कच्छ और सौराष्ट्र के ऊपर से गुजर रहा था, इसलिए वहीं सबसे अधिक प्रभाव भी पड़ा.

ऐसे विकसित हुआ डीप डिप्रेशन सिस्टम

यह सिस्टम पहले बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव वाले क्षेत्र के रूप में बना. फिर मध्य प्रदेश के ऊपर तेज हुआ और इसने डिप्रेशन का रूप ले लिया. इसके बाद राजस्थान पहुंचा और डीप डिप्रेशन में बदल गया. वहां से आगे यह गुजरात के ऊपर काफी धीमी गति से बढ़ रहा था और साथ में अरब सागर से इसे खूब नमी भी मिल रही थी, इसीलिए गुजरात के कई इलाकों में बेहद भारी बारिश हुई.

पाकिस्तान की ओर मुड़ गया चक्रवात

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) का कहना कि गुजरात के ऊपर धीरे-धीरे बढ़ रहा डीप डिप्रेशन सिस्टम ने शुक्रवार को कच्छ और पाकिस्तान के तटीय इलाकों में चक्रवात असना में तब्दील हो गया. आईएमडी के अनुसार चक्रवात में 63 किमी प्रति घंटे से 87 किमी प्रति घंटे के बीच की गति से हवा चलती है.

इस चक्रवात के शनिवार (31 अगस्त) को गुजरात के तटों से टकराने की आशंका भी मौसम विभाग जताई थी पर अब इसका खतरा टल गया है. यह पूरी तरह से अरब सागर में पाकिस्तान की ओर मुड़ गया है. फिर भी इसका असर सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय इलाकों में दिख रहा है. यहां तेज हवाओं के साथ भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. बताते चलें कि इस चक्रवात को पाकिस्तान ने असना नाम दिया है.

1976 के बाद अगस्त में पहला चक्रवाती तूफान

आईएमडी ने कहा कि साल 1976 यानी 48 साल बाद अगस्त महीने में अरब सागर में उठने वाला असना पहला चक्रवाती तूफान है. ऐसा तूफान इससे पहले साल 1976 में गुजरात में आया था. इसके 48 साल बाद एक बार फिर से यह जमीन से समुद्र की ओर बढ़ा है. आईएमडी का कहना है कि साल 1891 से 2023 के बीच अगस्त माह में अरब सागर में ऐसे केवल तीन चक्रवाती तूफान साल 1944, 1964 और 1976 में आए.

साल 1944 में अरब सागर से चक्रवात उठा था. इसके बाद दक्षिण गुजरात तट के पास साल 1964 में एक और चक्रवात बना पर यह काफी कम समय के लिए रहा और तट के पास आकर कमजोर पड़ गया था. फिर साल 1976 में ओडिशा से शुरू हुआ चक्रवात पश्चिम-उत्तर-पश्चिम में बढ़ा और अरब सागर में पहुंचा. यह ओमान तट के पास जाकर उत्तर-पश्चिम अरब सागर में कमजोर पड़ा था.

इस तरह से आगे बढ़ कर पाकिस्तान पहुंचा चक्रवात

आईएमडी का कहना है कि पहले अनुमान था कि डीप डिप्रेशन सिस्टम 29 अगस्त को सुबह अरब सागर पहुंच जाएगा. हालांकि, सिस्टम की गति 28 अगस्त की रात काफी धीमी रही और छह घंटे में सिर्फ तीन किमी आगे बढ़ा. इसके कारण 30 अगस्त को अरब सागर पहुंच कर चक्रवात में बदला. इसके बाद इस सिस्टम के अगले दो दिनों तक बने रहने की आशंका थी पर 31 अगस्त को यह अरब सागर में पाकिस्तान की ओर चला गया और गुजरात के तट से दूर हो गया.

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