दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि वह दो दिन बाद पद से इस्तीफा दे देंगे. इसके साथ ही दिल्ली में समय से पहले चुनाव कराने की मांग करेंगे. केजरीवाल ने कहा कि जब तक लोग उन्हें ईमानदारी का प्रमाणपत्र नहीं दे देते, वो सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे. उनके इस ऐलान के बाद सवाल उठ रहा है कि सीएम पद की जिम्मेदारी कौन संभालेगा. इस रेस में आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री आतिशी का नाम सबसे आगे है.
आतिशी आम आदमी पार्टी सरकार में अभी मंत्री हैं. उनके पास शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी है. केजरीवाल, मनीष सिसोदिया जैसे दिग्गज नेता जब जेल में थे, तब आतिशी ने हर मोर्चे पर पार्टी की आवाज बुलंद की. केजरीवाल की पत्नी के साथ भी वो हर मंच पर डटी रहीं. वो उन नेताओं में शुमार हैं, जिन पर केजरीवाल सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं.
आतिशी को जिम्मेदारी देने की ये भी हो सकती है वजह
सीएम पद छोड़ने का ऐलान करते हुए केजरीवाल ने ये भी कहा है, मुझ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं. जिस मामले में केजरीवाल आरोपी हैं, उसी केस में उनके करीबी सिसोदिया भी जेल में रह चुके हैं. ऐसे में अधिक संभावना यही है कि वो आतिशी को सीएम पद की जिम्मेदारी दे सकते हैं. ऐसा न करके अगर वो सिसोदिया का नाम आगे बढ़ाते हैं तो बीजेपी को केजरीवाल पर हमला करने का मौका मिल जाएगा, जो कि केजरीवाल किसी भी हालत में नहीं देने वाले हैं.
केजरीवाल का जेल से आना, फिर अचानक इस्तीफा दे देना, ये महज इत्तेफाक नहीं हो सकता. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि केजरीवाल ने सोची समझी रणनीति के तहत ये ऐलान किया है. अपनी चिरपरिचित इमोशनल पॉलिटिकल अप्रोच के जरिए वो जनता को अपने पाले में करना चाहते हैं. ऐसे में आतिशी को सीएम पद की जिम्मेदारी देकर बीजेपी पर और तीखे हमले भी बोल सकते हैं. उनके फैसले के पीछे दो और कारण भी हो सकते हैं,
पार्टी के दिग्गज नेताओं के जेल में रहने के दौरान आतिशी ने सियासी गतिविधियों को और बारीकी से देखा और समझा भी है. वो जुलाई 2015 से 17 अप्रैल 2018 तक दिल्ली के उपमुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया की सलाहकार भी थीं. 2020 के चुनाव के बाद पार्टी ने उन्हें गोवा इकाई के लिए प्रभारी बनाया था. दिल्ली में जन्मीं आतिशी पंजाबी राजपूत परिवार से ताल्लुक रखती हैं.