Breaking
आतिशी से पहले भी CM की कुर्सी पर नहीं बैठे ये मुख्यमंत्री, जेब में रखते थे उनकी फोटो, फाइलों पर नहीं... लोकसभा चुनाव में मिली हार से उमर अब्दुल्ला को बनाना पड़ा बैकअप प्लान, फिर भी दोनों सीटों पर सियासी च... एक ही परिवार के 9 लोगों ने खा लिया जहर, सुसाइड का था इरादा… लेकिन तबीयत बिगड़ी तो खुद ही पुलिस बुला ... प्रयागराज महाकुंभ में नो पॉवर कट, 24 घंटे रहेगी बिजली; हाइब्रिड सोलर लाइट से जगमगाएगा गंगा तट आतिशी ने हद कर दी… CM ऑफिस में केजरीवाल की कुर्सी रखने पर कांग्रेस हमलावर मंदिर-मस्जिद में जाकर पूजा या इबादत करना आध्यात्म नहीं: राजनाथ सिंह अक्षरा सिंह के ठुमकों पर चले जूते-चप्पल, हालात बिगड़े तो पुलिस को भांजनी पड़ी लाठियां नोएडा में सफाई कर्मचारियों का प्रदर्शन, एक्सप्रेसवे पर लगा लंबा जाम, रेंगती रही गाड़ियां ‘ठाकुर का भी एनकाउंटर हो गया, अखिलेश की मुराद पूरी हुई’ अनुज प्रताप सिंह के पिता का छलका दर्द कमजोर लोग एनकाउंटर को शक्ति मानते हैं… अनुज प्रताप सिंह की मौत पर योगी सरकार पर बरसे अखिलेश यादव

एलजी, बीजेपी, केंद्र और कांग्रेस… सभी पर भारी पड़ेगा केजरीवाल का ये इमोशनल कार्ड?

Whats App

156 दिनों बाद तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चौंकाने वाला ऐलान किया है. वो 17 सितंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं. रविवार को केजरीवाल ने जब इस्तीफे का ऐलान किया, उस वक्त अपनी स्पीच से कई सियासी समीकरण भी साध दिए. केजरीवाल ने अपनी स्पीच में भगत सिंह, संविधान, क्रांतिकारी, माता सीता का जिक्र करके ऐसा इमोशनल कार्ड फेंका जो एलजी, बीजेपी, केंद्र और कांग्रेस के लिए भी बड़ा मैसेज है.

एलजी के लिए क्या है संदेश

दिल्ली की सियासत में जो सबसे ज्यादा गरम मुद्दा रहा है वो आम आदमी पार्टी की सरकार और एलजी के बीच खींचतान है. अब इस वर्चस्व की लड़ाई में बहुत कुछ बदला-बदला सा नजर आ सकता है. एलजी अब केजरीवाल पर सीधे-सीधे तौर पर मुखर नहीं हो पाएंगे. मनीष सिसोदिया और संजय सिंह भी सरकार में किसी बड़े पद नहीं हैं. ऐसे में अब आम आदमी पार्टी के बड़े चेहरे टारगेट पर नहीं रहेंगे. वैसे भी केजरीवाल को शराब घोटाला मामले में सशर्त जमानत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने शर्त रखी है कि वो सीएम ऑफिस नहीं जाएंगे और ना ही किसी फाइल पर साइन करेंगे. ऐसे में एलजी-दिल्ली सरकार में चल रही खींचतान को ज्यादा हवा नहीं मिल पाएगी.

Whats App

कांग्रेस पर क्या होगा असर?

अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे वाले फैसले से कांग्रेस के लिए भी संदेश है. आम आदमी पार्टी दिल्ली, पंजाब और गुजरात में कांग्रेस को झटका दे चुकी है. दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया था. गुजरात में कांग्रेस के वोट बैंक पर गहरी चोट की थी. अब केजरीवाल फिर जमीन पर उतरेंगे, जिसका सीधा असर वोटबैंक पर होगा. आगामी हरियाणा विधानसभा में भी आम आदमी पार्टी ने 90 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं.

केजरीवाल के फुल फॉर्म में आने के बाद अब हरियाणा पर असर हो सकता है. हालांकि ये देखना होगा कि पंजाब की तरह आप हरियाणा में कितना दम भरती है. पहले अटकलें थीं कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन हो सकता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ऐसे में हरियाणा में कांग्रेस को अपनी सियासी चाल सोच समझकर चलनी होगी.

आकंड़ों पर नजर डालें तो साफ पता चलता है कि केजरीवाल जब-जब मज़बूत हुए दिल्ली में तब-तब कांग्रेस कमजोर हुई है. उदाहरण के तौर पर 2013 में कांग्रेस को 24 और आम आदमी पार्टी को 29 प्रतिशत वोट मिले थे. 2015 में केजरीवाल मजबूत हुए और आम आदमी पार्टी का वोट प्रतिशत 51 का आंकड़े को छू गया. कांग्रेस 24 से करीब 9 प्रतिशत पर सिमट गई. 2020 में आम आदमी पार्टी को 53 प्रतिशत वोट मिले. वहीं, कांग्रेस करीब 5 प्रतिशत पर पहुंच गई.

पिछले 3 विधानसभा चुनावों के परिणाम

पार्टी 2013 2015 2020
बीजेपी 31 3 8
आप 28 67 62
कांग्रेस 8 0 0
बीएसपी 0 0 0
अन्य 3 0 0

क्या बीजेपी के लिए भी बनेंगे चुनौती?

केजरीवाल के जेल से बाहर आने और मुख्यमंत्री रहते हुए भी उनके पास पावर नहीं थी. सरकार कैबिनेट भरोसे चलेगी. ऐसे में अब इस्तीफे के ऐलान के बाद बीजेपी सीधे तौर पर केजरीवाल पर अटैक नहीं कर पाएगी. शराब घोटाला केस को लेकर बीजेपी ने इस्तीफा मांगा था. अब उसका जवाब केजरीवाल ने दे दिया है. अब वो बीजेपी नेताओं के हर हमले का जवाब दे सकेंगे. वो कह सकते हैं कि मैंने तो इस्तीफा दे दिया है.

दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2025 में खत्म हो रहा है. चुनाव में सिर्फ 5 महीने ही बचे हैं. केजरीवाल कोर्ट की शर्तों में बंधे हुए हैं. अब इस ऐलान से वो अपनी लड़ाई जमीन पर लड़ सकेंगे. जेल से छूटने के बाद केजरीवाल के साथ सहनभूति भी रहेगी और वो उसको चुनाव में भुनाने की भी कोशिश करेंगे. ऐसे में इसकी काट ढूंढना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा.

केजरीवाल का इस्तीफा बीजेपी के लिए कई चुनौतियां पेश कर सकता है. इसकी वजह है कि आम आदमी पार्टी की ओर से अब ‘ईमानदारी की कहानी’ के चर्चे होंगे. इसके जरिए आप अपनी बात को और मजबूती से रखती दिखेगी, क्योंकि इस्तीफे को ‘ईमानदारी के प्रमाण पत्र’ के रूप में पेश करके केजरीवाल खुद को जनता का सच्चा सेवक बताएंगे. यही मुद्दा बीजेपी के उस अटैक को काउंटर करेगा जिसके जरिए वो केजरीवाल को घेरती आई है.

समय से पहले चुनाव कराने की केजरीवाल की मांग से साफ जाहिर होता है कि वो जनता का विश्वास जल्दी से जल्दी जीतना चाहते हैं. कहने का मतलब वो गर्म लोहे पर हथौड़ा मारने वाली कहावत को पूरा करने की कोशिश में हैं. ऐसे में अगर केजरीवाल लोगों की सहानुभूति बटोरने में सफल हो जाते हैं, तो बीजेपी उन्हें आगे घेरने में भी नाकामयाब रहेगी.

माना जा रहा है कि दिल्ली की सियासत के साथ ही अरविंद केजरीवाल अन्य राज्यों में भी अपने चुनावी कैंपेन में केंद्र सरकार पर हमलावर होते भी दिखेंगे. अब वो पहले से ज्यादा और तीखे हमले बोल सकते हैं. पहले भी केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते रहे हैं. अपने इस्तीफे के ऐलान के बाद अब वो बीजेपी को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ने वाले हैं. उनकी पार्टी के सांसद संजय सिंह लगातार केंद्र सरकार पर हमले बोल रहे हैं.

आतिशी से पहले भी CM की कुर्सी पर नहीं बैठे ये मुख्यमंत्री, जेब में रखते थे उनकी फोटो, फाइलों पर नहीं किए दस्तखत     |     लोकसभा चुनाव में मिली हार से उमर अब्दुल्ला को बनाना पड़ा बैकअप प्लान, फिर भी दोनों सीटों पर सियासी चक्र में फंसे     |     एक ही परिवार के 9 लोगों ने खा लिया जहर, सुसाइड का था इरादा… लेकिन तबीयत बिगड़ी तो खुद ही पुलिस बुला ली     |     प्रयागराज महाकुंभ में नो पॉवर कट, 24 घंटे रहेगी बिजली; हाइब्रिड सोलर लाइट से जगमगाएगा गंगा तट     |     आतिशी ने हद कर दी… CM ऑफिस में केजरीवाल की कुर्सी रखने पर कांग्रेस हमलावर     |     मंदिर-मस्जिद में जाकर पूजा या इबादत करना आध्यात्म नहीं: राजनाथ सिंह     |     अक्षरा सिंह के ठुमकों पर चले जूते-चप्पल, हालात बिगड़े तो पुलिस को भांजनी पड़ी लाठियां     |     नोएडा में सफाई कर्मचारियों का प्रदर्शन, एक्सप्रेसवे पर लगा लंबा जाम, रेंगती रही गाड़ियां     |     ‘ठाकुर का भी एनकाउंटर हो गया, अखिलेश की मुराद पूरी हुई’ अनुज प्रताप सिंह के पिता का छलका दर्द     |     कमजोर लोग एनकाउंटर को शक्ति मानते हैं… अनुज प्रताप सिंह की मौत पर योगी सरकार पर बरसे अखिलेश यादव     |