जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को उद्धव ठाकरे से मुलाकात की है. मुंबई में शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख से मुलाकात के बाद मलिक ने कहा है कि मैंने उद्धव से कहा है कि वो एक उम्मीदवार के मुकाबले एक उम्मीदवार खड़ा करें. सभी पार्टी को एक कैंडिडेट के लिए एक फेस रखें, इससे 100 फीसदी कामयाबी हासिल होगी और राज्य में इस बार बीजेपी का सफाया हो जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र का चुनाव हरियाणा के साथ ही होना था, लेकिन सरकार डरी हुई है कि हम वो चुनाव हार जाएगी. मैं कहता हूं कि आप चुनाव कभी भी कराए, लेकिन आप हारने ही वाले हैं. मैंने उद्धव ठाकरे को अपना समर्थन दिया है. उनके चुनाव प्रचार में भी आऊंगा और उनकी विजय यात्रा में भी जाऊंगा.
महाराष्ट्र में महायुति बनाम महाविकास अघाड़ी
महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं. यहां नवंबर में चुनाव हो सकते हैं. चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां सियासी समीकरण सेट करने में जुट गई हैं. राज्य में एक तरफ महायुति है जो कि सत्ता पर काबिज है. इसमें बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल है. दूसरी ओर महाविकास अघाड़ी है, जिसमें कांग्रेस, उद्धव गुट की शिवसेना और शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी है.
राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मलिक ने कहा कि बीजेपी को केवल बड़ा झटका लगेगा, बल्कि राज्य में पार्टी का सफाया भी हो जाएगा. इस बार के चुनाव में उद्धव ठाकरे अहम भूमिका निभाएंगे. चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. मैंने एमवीए को अपना पूरा समर्थन दिया है और मैं उसके लिए प्रचार भी करूंगा.
‘देश के राजनीतिक परिदृश्य पर महत्वपूर्ण असर डालेगा’
उद्धव ठाकरे से मुलाकात से ठीक एक दिन पहले यानी शनिवार को मलिक ने कहा था कि महाराष्ट्र का चुनाव देश के राजनीतिक परिदृश्य पर महत्वपूर्ण असर डालेगा. उन्होंने यह भी कहा था कि राज्य के चुनावी नतीजे बीजेपी के ताबूत में आखिरी कील ठोकने का काम करेंगे. महाराष्ट्र देश को दिशा देगा.
एक दिन पहले मलिक ने किया था बड़ा दावा
इसके अलावा पूर्व राज्यपाल ने महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव में देरी के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की थी और कहा था कि विपक्षी दलों से हारने के डर से ऐसा किया जा रहा है. उन्होंने अनुमान जताया कि कांग्रेस हरियाणा में 60 सीटें हासिल कर सकती हैं जबकि बीजेपी के केवल 20 सीटें ही मिल सकती है. इसके अलावा मलिक ने 2019 में हुए पुलवामा आतंकी हमले की जांच की अपनी मांग को भी दोहराई जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवानों की मौत हुई थी.