खाने-पीने की चीजों में गंदगी के खिलाफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. योगी सरकार ने जैसे सावन में कांवड़ रूट पर खाने-पीने की दुकानों पर मालिक का नाम लिखने का आदेश जारी किया था, वैसे ही अब रेस्टोरेंट पर मालिक का नाम लिखने का ऑर्डर दिया है. सरकार के मुताबिक, खान-पान के केंद्रों पर संचालक, प्रोपराइटर, मैनेजर का नाम और पता डिस्प्ले करना अनिवार्य होगा.
सीएम योगी ने मंगलवार को खाद्य विभाग की बैठक बुलाई थी, उसी में उन्होंने ये आदेश दिया है. वाराणसी, लखनऊ, मथुरा और अयोध्या में प्रसाद को लेकर बढ़ते विवाद के बीच सीएम योगी ने ये बैठक बुलाई थी. उन्होंने कहा कि जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट मिलाना वीभत्स है. यह सब स्वीकार नहीं है. मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी होटलों/ढाबों/रेस्टोरेंट संबंधित प्रतिष्ठानों की गहन जांच, सत्यापन के भी निर्देश दिए हैं साथ ही लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए नियमों में आवश्यकतानुसार संशोधन के भी निर्देश दिए.
सरकार ने क्या गाइडलाइंस जारी की?
- ढाबों-रेस्टोरेंट खान-पान के प्रतिष्ठानों की सघन जांच होगी. हर कर्मचारी का पुलिस वेरिफिकेशन होगा.
- खान-पान के केंद्रों पर संचालक, प्रोपराइटर, मैनेजर का नाम और पता डिस्प्ले करना अनिवार्य होगा.
- शेफ हो या वेटर, उन्हें ग्लव्स और मास्क लगाना होगा.
- होटल- रेस्टोरेंट में सीसीटीवी लगाना अनिवार्य होगा. न केवल ग्राहकों के बैठने के स्थान पर बल्कि प्रतिष्ठान के अन्य हिस्सों को भी सीसीटीवी से कवर होना चाहिए. यह सुनिश्चित किया जाए कि हर प्रतिष्ठान संचालक सीसीटीवी की फीड को सुरक्षित रखेगा और आवश्यकता पड़ने पर पुलिस/स्थानीय प्रशासन को उपलब्ध कराएगा.
- गंदी चीजों की मिलावट की तो संचालक- प्रोपराइटर पर भी कठोर कार्रवाई होगी.
- खान पान के केंद्रों पर साफ-सफाई होनी चाहिए. यह सुनिश्चित किया जाए कि खाद्य पदार्थों को तैयार करने तथा सर्विस के समय संबंधित व्यक्ति मास्क-ग्लव्स का उपयोग जरूर करें. इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए.
- खाद्य पदार्थों को बनाने, बेचने अथवा अन्य संबंधित गतिविधियों से जुड़े नियमों को व्यवहारिकता का ध्यान रखते हुए और सख्त किया जाए. नियमों की अवहेलना पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए.
सीएम योगी ने क्या कहा?
बैठक में सीएम योगी ने कहा कि हाल के दिनों में देश के विभिन्न क्षेत्रों में जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट/अखाद्य/गंदी चीजों की मिलावट की घटनाएं देखने को मिली हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं वीभत्स हैं और आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली हैं. ऐसे कुत्सित प्रयास कतई स्वीकार नहीं किया जा सकते. उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस प्रबंध किए जाने आवश्यक हैं.
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे ढाबों/रेस्टोरेंट आदि खान-पान के प्रतिष्ठानों की जांच की जानी आवश्यक है. प्रदेशव्यापी सघन अभियान चलाकर इन प्रतिष्ठानों के संचालक सहित वहां कार्यरत सभी कर्मचारियों का सत्यापन किया जाए. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, पुलिस व स्थानीय प्रशासन संयुक्त टीम द्वारा यह कार्यवाही शीघ्रता से सम्पन्न कराई जाए.
योगी सरकार को लग चुका है झटका
योगी सरकार ने कुछ इसी तरह का आदेश सावन में जारी किया था. सरकार ने तब कांवड़ रूट पर दुकानों पर मालिकों का नाम लिखने का आदेश दिया था. हालांकि सरकार के इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी. एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नामक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.