Breaking
सिद्धारमैया के साथ येदियुरप्पा जैसा होगा? इन 3 सिनेरियो पर टिकी मुख्यमंत्री की कुर्सी करोड़ों के मालिक हैं पंडित धीरेंद्र शास्त्री, केवल मन की बात पढ़ने के लेते हैं लाखों रुपए पत्थर पटका, लहूलुहान किया और छोड़ गए… 10वीं के छात्र की निर्मम हत्या से सनसनी पत्थर पटका, लहूलुहान किया और छोड़ गए… 10वीं के छात्र की निर्मम हत्या से सनसनी CM बनने के बाद हनुमान मंदिर पहुंचीं आतिशी, मांगी दुआ- केजरीवाल फिर बनें मुख्यमंत्री मैं हरियाणा का छोरा, मेरा हौसला नहीं तोड़ सकते- सिरसा में रोड शो के बाद बोले अरविंद केजरीवाल दिल्ली: नए मोबाइल की नहीं दी पार्टी, दोस्तों ने पीट-पीटकर मार डाला अमेजन के जंगलों की अंधाधुंध कटाई से दो देशों के बराबर का इलाका साफ! 18 साल पहले इजराइल-हिजबुल्लाह लड़ चुके हैं भीषण युद्ध, 34 दिनों तक चली थी जंग अभी पूरा फैसला पढ़ना बाकी है… कर्नाटक हाई कोर्ट से लगे झटके के बाद सीएम सिद्धारमैया का पहला रिएक्शन

18 साल पहले इजराइल-हिजबुल्लाह लड़ चुके हैं भीषण युद्ध, 34 दिनों तक चली थी जंग

Whats App

लेबनान में इजराइली हमले ने 2006 में हुई जुलाई वॉर की यादें ताज़ा कर दी हैं, तब करीब 34 दिनों तक चली जंग में लेबनान के करीब 1200 नागरिक मारे गए थे. लेकिन सोमवार को हुए इजराइली हमले में एक दिन में ही करीब 500 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 1600 से ज्यादा लोग घायल हैं. अगर इसी तरह इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच संघर्ष जारी रहा तो ये आंकड़ा 2006 की भीषण जंग में हुए नुकसान से कहीं ज्यादा हो सकता है.

इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच तनाव का दशकों पुराना इतिहास है. 1980 के दशक में ईरान समर्थित शिया विद्रोही संगठन हिजबुल्लाह का गठन हुआ था. इस समय लेबनान के दक्षिणी इलाके में इजराइली सेना का कब्जा था जिसे पीछे हटाने का जिम्मा हिजबुल्लाह को दिया गया था. 90 के दशक में दोनों के बीच कई बार संघर्ष हुआ, लेकिन साल 2006 में पहली बार इजराइल और हिजबुल्लाह सीधी जंग में उतरे. दोनों के बीच 34 दिन तक चली इस जंग को जुलाई वॉर के नाम से भी जाना जाता है.

साल 2006 में क्यों भिड़े इजराइल-हिजबुल्लाह?

Whats App

12 जुलाई 2006 को हिजबुल्लाह के लड़ाकों ने क्रॉस बॉर्डर रेड के दौरान इजराइली सेना पर हमला कर दिया. इस हमले में 3 इजराइली सैनिकों को मौत हो गई, वहीं 2 को बंधक बना लिया गया. हिजबुल्लाह ने इजराइली जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले में इन सैनिकों को छोड़ने की शर्त रखी. तत्कालीन इजराइली प्रधानमंत्री अहद ओलमर्ट ने हिजबुल्लाह की इस हिमाकत को ‘एक्ट ऑफ वॉर’ बताया. और इसके बाद दोनों के बीच भीषण युद्ध की शुरुआत हुई थी.

इजराइल ने रनवे पर बरसाए बम

अगले दिन इजराइली लड़ाकू विमानों ने लेबनान के एकलौते एयरपोर्ट के रनवे पर बम बरसाया, वहीं हिजबुल्लाह ने भी इजराइल के उत्तरी इलाकों में रॉकेट दागने शुरू कर दिए. इस बीच हिजबुल्लाह के एक रॉकेट ने इजराइल की एक नेवल शिप को टारगेट किया जिससे इजराइल सकते में आ गया. इजराइल ने बेरूत में हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर को तबाह कर हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को खत्म करने की कोशिश की लेकिन उसे इसमें कामयाबी नहीं मिली.

नसरल्लाह को मारने के लिए की 23 टन बमबारी!

अल-जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक जंग के बीच 19 जुलाई को इजराइल ने बेरूत के दक्षिणी इलाके में करीब 23 टन बमबारी की, इतनी भारी बमबारी का मकसद नसरल्लाह को खत्म करना था. वहीं जंग के शुरुआती एक हफ्ते में ही हिजबुल्लाह, इजराइल पर करीब 100 रॉकेट दाग चुका था.

माना जाता है कि इस जंग में हिजबुल्लाह, इजराइल की सोच से कहीं ज्यादा ताकतवर साबित हुआ था. इस बीच इजराइल ने दक्षिणी लेबनान के काना में हवाई हमले किए, इस हमले में करीब 60 लोगों की मौत हुई, मरने वालों में ज्यादा बच्चे थे जो हमले के वक्त सो रहे थे. इसके बाद हजारों प्रदर्शनकारियों ने बेरुत में यूएन की बिल्डिंग के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया. पश्चिमी देशों के साथ-साथ यूएन और अरब देशों ने इस बमबारी की आलोचना की.

इजराइली सेना का जमीनी आक्रमण

इसके बाद 31 जुलाई को अमेरिकी विदेश मंत्री और इजराइली प्रधानमंत्री की मुलाकात के बाद 48 घंटों के लिए दक्षिणी लेबनान पर हवाई हमले रोक दिए गए. इस दौरान तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री ने एक हफ्ते में स्थायी युद्धविराम की संभावना जताई थी. लेकिन इजराइली की सुरक्षा कैबिनेट ने सेना को जमीनी आक्रमण की मंजूरी दे दी.

इस बीच 2 अगस्त को हिजबुल्लाह एक ही दिन में इजराइल पर 230 से ज्यादा रॉकेट दागे, इनमें से कई रॉकेट इजराइल में करीब 70 किलोमीटर अंदर जाकर गिरे. इन हमलों में कम से कम 8 इजराइली नागरिक मारे गए. वहीं हिजबुल्लाह चीफ ने इजराइल को चेतावनी दी कि अगर अब उसने बेरूत में बमबारी की तो उसके लड़ाके तेल अवीव पर रॉकेट दागेंगे.

युद्ध रोकने के लिए UN से प्रस्ताव पारित

इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच जारी जंग को रोकने के लिए प्रयास तेज होने लगे, 7 अगस्त 2006 को UNSC ने इस जंग को बिना किसी देरी के रोकने का प्रस्ताव पास किया. लेबनान सरकार ने कहा कि वह दक्षिणी लेबनान से इजराइल अपने सैनिकों को हटाना शुरू करेगा तो वह इस हिस्से में अपने 15000 सैनिकों की तैनाती करेंगे.

हिजबुल्लाह ने यूएन के युद्धविराम के प्रस्ताव को खारिज कर दिया लेकिन लेबनान सरकार के सैनिकों की तैनाती का समर्थन किया. इजराइल ने भी लेबनान में हमले जारी रखे यहां तक कि हिजबुल्लाह की चेतावनी के बावजूद उसने बेरूत में भी हमले किए. हालांकि कुछ ही दिनों बाद इजराइल और हिजबुल्लाह युद्ध रोकने के लिए राजी हो गए, लेकिन दोनों पक्षों ने जंग खत्म करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को स्वीकार करने की शर्त भी रखी.

2006 की जंग में किसकी जीत हुई ?

14 अगस्त को UN के प्रस्ताव के मुताबिक इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच संघर्ष विराम लागू हो गया, आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस जंग में हिजबुल्लाह के करीब 250 लड़ाकों समेत 1200 लेबनान के नागरिक मारे गए थे. वहीं इजराइल के 121 सैनिक और 44 नागरिकों की मौत हुई थी. कहा जाता है कि इस जंग को लेकर इजराइल ने जो लक्ष्य रखे थे उनमें से एक भी पूरा नहीं हुआ. इजराइल का मकसद था बिना किसी शर्त के इजराइली सैनिकों की रिहाई और हिजबुल्लाह की लड़ने की क्षमता को नष्ट करना. लेकिन वह ऐसा करने में कामयाब नहीं हो पाया. माना जाता है कि इस जंग में इजराइल ने हिजबुल्लाह और उसकी ताकतों को लेकर जो आकलन किया था वह गलत साबित हुआ.

साल 2008 में इजराइल ने हिजबुल्लाह के द्वारा बंधक बनाए गए दो इजराइली सैनिकों के शव के बदले में लेबनान के 5 कैदियों की रिहाई और 199 लड़ाकों के शव सौंपे थे. इस तरह इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच पहली और भीषण जंग का खात्मा हुआ लेकिन दोनों के बीच तनाव और संघर्ष अब भी जारी है.

सिद्धारमैया के साथ येदियुरप्पा जैसा होगा? इन 3 सिनेरियो पर टिकी मुख्यमंत्री की कुर्सी     |     करोड़ों के मालिक हैं पंडित धीरेंद्र शास्त्री, केवल मन की बात पढ़ने के लेते हैं लाखों रुपए     |     पत्थर पटका, लहूलुहान किया और छोड़ गए… 10वीं के छात्र की निर्मम हत्या से सनसनी     |     पत्थर पटका, लहूलुहान किया और छोड़ गए… 10वीं के छात्र की निर्मम हत्या से सनसनी     |     CM बनने के बाद हनुमान मंदिर पहुंचीं आतिशी, मांगी दुआ- केजरीवाल फिर बनें मुख्यमंत्री     |     मैं हरियाणा का छोरा, मेरा हौसला नहीं तोड़ सकते- सिरसा में रोड शो के बाद बोले अरविंद केजरीवाल     |     दिल्ली: नए मोबाइल की नहीं दी पार्टी, दोस्तों ने पीट-पीटकर मार डाला     |     अमेजन के जंगलों की अंधाधुंध कटाई से दो देशों के बराबर का इलाका साफ!     |     18 साल पहले इजराइल-हिजबुल्लाह लड़ चुके हैं भीषण युद्ध, 34 दिनों तक चली थी जंग     |     अभी पूरा फैसला पढ़ना बाकी है… कर्नाटक हाई कोर्ट से लगे झटके के बाद सीएम सिद्धारमैया का पहला रिएक्शन     |