अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में फंसी भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर के धरती पर आने का रास्ता साफ हो गया है. दरअसल, महीनों के इंतजार के बाद नासा के अंतरिक्ष यात्री निक हेग और रोस्कोस्मोस के अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोरबुनोव स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल के जरिए आईएसएस तक पहुंच गए. विलियम्स और बुच ने स्पेसएक्स के क्रू का स्वागत किया है.
नासा ने सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर के साथ क्रू का एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें दोनों यात्रियों ने माइक के जरिए संबोधित करते हुए हेग और गोरबुनोव का स्वागत किया है. सुनीता और बुच दोनों अंतरिक्ष यात्री जून 2024 से स्पेस स्टेशन में फंसे हुए हैं. स्पेसएक्स ने शनिवार को रेस्क्यू मिशन शुरू किया. इस मिशन के जरिए दो यात्री अगले साल घर वापस लौटेंगे.
नासा ने एक बयान जारी कर कहा है कि हेग और गोरबुनोव ने स्पेस स्टेशन और प्रेशराइज्ड मेटिंग एडॉप्टर के बीच हैच को शाम सात बजकर 4 मिनट पर ईडीटी पर खोलने के बाद आईएसएस में प्रवेश किया. नासा के अंतरिक्ष यात्री मैथ्यू डोमिनिक, माइकल बैरेट, जीनेट एप्स, डॉन पेटिट, बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स के साथ-साथ रोस्कोस्मोस के अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर ग्रेबेनकिन, एलेक्सी ओविचिन और इवान वैगनर सहित स्पेस स्टेशन के एक्सपेडिशन 72 क्रू ने हेग और गोरबुनोव का स्वागत किया.
नासा ने क्या कहा?
एक्स (ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर करते हुए नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर ने लिखा, ‘ऑफिशियल वेलकम! एक्सपीडिशन 72 के क्रू ने क्रू 9 का स्वागत किया. नासा के अंतरिक्ष यात्री निक हेग, क्रू 9 कमांडर और अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोरबुनोव क्रू 9 मिशन विशेषज्ञ का स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट पर उड़ान के बाद स्वागत किया गया.’
सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर जून से ही ISS में हैं. ये जोड़ी 5 जून को बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट पर सवार होकर अपनी पहली चालक दल वाली फ्लाइट के लिए रवाना हुई थी, जो 6 जून को स्पेस स्टेशन पर पहुंची थी. स्टारलाइनर को उसके क्रू के बिना पृथ्वी पर वापस लाने का निर्णय लिया गया था और स्पेस क्राफ्ट 6 सितंबर को सफलतापूर्वक वापस लौटा था.
अगले साल सुनीता और बुच लौटेंगे
वहीं, अगस्त में नासा ने कहा था कि बुच विल्मोर और विलियम्स को धरती पर वापस लाना बहुत जोखिम भरा है. विल्मोर और विलियम्स ने अभियान के हिस्से के रूप में औपचारिक रूप से अपना काम जारी रखा और अगले साल फरवरी में वापस आएंगे. नासा का ये मिशन एक सप्ताह में पूरा होना था, लेकिन अब इसे लगभग 8 महीने लग जाएंगे.