मुंबई में अकरम की हॉर्ट अटैक से ‘मौत’, एंबुलेंस से लेकर UP पहुंचे घरवाले; सुपर्दे खाक से पहले हो गया जिंदा
30 घंटे का समय और 1650 किलोमीटर का सफर… एंबुलेंस के जरिए मृत समझ एक शख्स का शव गांव पहुंचा. सुपर्दे खाक की तैयारी की जाने लगी. शव को दफनाने के लिए कब्र खोदी गई. शव आने के 6 घंटे बाद जब उसे नहलाने की प्रक्रिया शुरू हुई तो सभी हैरान रह गए. जिस शख्स को मृत समझकर दफनाने की तैयारी चल रही थी अचानक उसके शरीर में हरकत होने लगी. यह देख पूरे गांव में हलचल मच गई. आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरी जांच में वह जिंदा पाया गया. अब उसका इलाज जारी है… यह घटना उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले की है.
कहते हैं कि मौत का वक्त तय है और हर सांस की गिनती है. यह कहावत सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज के गांव सिकहरा में सच साबित हुई. यहां के रहने वाले अकरम को मुंबई में हार्ट अटैक आया. तबीयत खराब होने पर अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. परिजन एंबुलेंस के जरिए मुंबई से उन्हें मृत समझकर गांव लेकर आए. कब्र खुदकर तैयार हो गई. उन्हें सुपुर्दे खाक करने की सारी तैयारियां पूरी कर ली गईं.
मुंबई से मृत समझ लेकर पहुंचे गांव
गांववालों के मुताबिक, अकरम की मुंबई में अचानक तबीयत खराब हुई. उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां पता चला कि अकरम को सीरियस हार्ट अटैक आया है. उनका अस्पताल में 24 घंटे तक इलाज हुआ और वहां से डॉक्टर ने उन्हें रेफर कर दिया. घर वालों ने समझा कि अकरम की मौत हो गई है. उन्होंने इसकी सूचना सिकहरा गांव में उनके परिजनों को दी. वह एंबुलेंस से अकरम को लेकर गांव के लिए रवाना हुए. इस बीच गांव के लोगों ने मृत्यु की सूचना पर उसकी कब्र खुदवा कर तैयार कर दी.
हिलते दिखे होंठ, डॉक्टर को दिखाया
बुधवार सुबह करीब 3 बजे जब एंबुलेंस गांव में पहुंची तो लोगों को अकरम की हालात देखकर शक हुआ कि उसकी सांसे चल रही है. इस बीच लोग उसके जिंदा होने की बातें करते रहे. करीब 6 घंटे बीत जाने के बाद जब उसे नहलाने की तैयारी शुरू हुई तो किसी व्यक्ति ने उसके होठों को हिलते हुए देखा. लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई. आनन-फानन में परिजन उसे डॉक्टर के पास लेकर पहुंचे.
गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में चल रहा इलाज
डॉक्टर ने चेकअप के बाद उसे जीवित बताया और पास के एक निजी अस्पताल में उसे भर्ती किया. जहां उसकी हालत चिंताजनक होने की वजह से उसे बस्ती और फिर बाद में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया. अकरम का इलाज गोरखपुर के अस्पताल में जारी है, जहां उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है. इस घटना के बाद लोगों का कहना है कि जिसकी जिंदगी जब तक लिखी है तब तक वह जरूर जिंदा रहेगा.