पश्चिम बंगाल के कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई जूनियर डॉक्टर की निर्मम हत्या के बाद से उन्हें न्याय दिलाने के लिए डॉक्टर्स विरोध प्रदर्शन और आंदोलन कर रहे हैं. कोलकाता और सिलीगुड़ी शहर में ‘आमरण अनशन’ कर रहे डॉक्टरों को 9 दिन हो गए. इस दौरान आमरण अनशन पर बैठे तीन डॉक्टर्स को अब तक उनकी हालत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है.
आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टर्स फोरम के एक नेता ने बताया कि उनकी हालत बिगड़ती जा रही है लेकिन राज्य प्रशासन टस से मस नहीं हो रहा है. इस बीच, आरजी कर अस्पताल के पूर्व छात्रों का एक ग्रुप भी भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए 12 घंटे के सिंबोलिक फास्ट के लिए मेडिकल प्रतिष्ठान पहुंचा. हालांकि, उन्हें CISF कर्मियों के विरोध का सामना करना पड़ा जो कोर्ट के ऑर्डर के बाद हॉस्पिटल में सिक्योरिटी ड्यूटी पर थे.
रविवार को अरंधन करने को कहा
पूर्व छात्रों में से सबसे ज्यादा सीनियर सिटीजन हैं. उन्होंने कहा कि वह अपने सिंबोलिक फास्ट प्रोग्राम के साथ आगे बढ़ेंगे, चाहे कुछ भी हो जाए. पश्चिम बंगाल के मालदा और मुर्शिदाबाद शहर में भी कई लोग दिन में सिंबोलिक फास्ट रख रहे हैं आंदोलनकारी डॉक्टरों ने लोगों से अपने उद्देश्य के लिए एकजुटता और समर्थन दिखाने के लिए रविवार को अरंधन (खाना नहीं पकाने) का पालन करने का आग्रह किया है.
48 घंटे काम बंद रहेगा
प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने आमरण अनशन कर रहे आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों के साथ एकजुटता दिखाते हुए पूरे पश्चिम बंगाल में मेडिकल प्रतिष्ठानों में 14 अक्टूबर से 48 घंटे के ‘आंशिक काम बंद’ का आह्वान किया है. हालांकि प्राइवेट हॉस्पिटल के हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स के बैनर तले डॉक्टरों ने कहा कि सभी इमरजेंसी सुविधाए चालू रहेंगी.
विरोध कार्निवल का आह्वान
डॉक्टर्स ने 15 अक्टूबर को एस्प्लेनेड में ‘विरोध कार्निवल’ का आह्वान किया है. यह तारीख पास में स्थित रेड रोड पर पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से आयोजित कार्निवल के साथ मेल खाती है, जहां प्रमुख दुर्गा पूजा मूर्तियों और सजावट को जुलूस और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए प्रदर्शित किया जाता है. चल रहे आंदोलन ने फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (एफएआईएमए) को भी चेतावनी दी है कि अगर प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को कोई नुकसान होता है तो देश भर में मेडिकल सेवाएं पूरी तरह से बंद कर दी जाएंगी.
50 दिनों तक किया था काम बंद
जूनियर डॉक्टर्स 5 अक्टूबर से भूख हड़ताल पर बैठे हैं. वहीं इससे पहले उन्होंने 50 दिनों तक ‘काम बंद’ किया था और विरोध प्रदर्शन किया था. हालांकि इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है औैर इस केस की जांच भी सीबीआई कर रही है. शुक्रवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से हालात आगे बढ़ने से पहले हस्तक्षेप करने का आग्रह किया.